किसान नेताओं ने कानून वापसी को माना आधी जीत, बताया कब तक जारी रहेगा किसान आंदोलन

सोनीपत । गुरुनानक जयंती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिएं जाने की घोषणा के बाद भी किसान नेताओं ने आंदोलन खत्म करने का निर्णय नहीं लिया है. पीएम मोदी की इस घोषणा के साथ ही आम आदमी से लेकर उद्यमी , ट्रांसपोर्टर, दुकानदार समेत हर वर्ग के लोगों की उम्मीद बंधी थी कि इस घोषणा के बाद किसान अपने घरों को लौट जाएंगे और दिल्ली की सीमाएं खुल जाएंगी. लेकिन अब किसान नेताओं के बयानों ने आम आदमी की चिंता को फिर से बढ़ा दिया है.

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शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की सिघुं बार्डर पर बैठक होने की संभावना जताई जा रही है. इस बैठक में आंदोलन जारी रखने, टोल फ्री होंगे या नहीं इस तरह के फैसलों पर बातचीत हो सकती है. इस बैठक में आंदोलन को लेकर आगामी रणनीति भी तैयार की जाएगी.

हालांकि किसानों के रुख पर अब भी नजर टिकी हुई है लेकिन शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जो बयान सामने आया है उसमें किसी भी बात का स्पष्टीकरण नहीं होने की वजह से लोगों में निराशा का माहौल है.

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किसान नेता अभी इस फैसले को अपनी आधी जीत ही बता रहे हैं. किसान नेताओं का कहना है कि हमारे संघर्ष के आगे आखिरकार मोदी सरकार को झुकना ही पड़ा . मगर असली जीत तब समझी जाएगी जब यें कानून संसद में रद्द करके अधिसूचना जारी की जाएगी. MSP पर कानून बनाया जाएगा और किसानों पर दर्ज मुकदमे रद्द किए जाएंगे. ऐसे में 29 नवंबर से शुरू हो रहें लोकसभा के शीतकालीन सत्र तक आंदोलन चलता रहेगा. वैसे किसानों का रुख इस दिशा में क्या होने वाला है ,यह संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.

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