सोनीपत | अपने देशी पहनावे और खानपान के लिए देश- दुनिया में मशहूर हरियाणा के लोगों का अंदाज ही निराला है. यहां एक किसान ने दो घंटे में 2 किलो से ज्यादा चूरमा खाकर चौतरफ़ा वाहवाही लूटने का काम किया है. बता दें कि नए साल के अवसर पर सोनीपत जिले के गांव पिपली स्थित शिव मंदिर में दूसरी चूरमा खाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. इस प्रतियोगिता में रोहणा गांव के किसान सुरेश 2 किलो 180 ग्राम चूरमा खाकर पहले नंबर पर रहे. साल 2020 में हुई प्रतियोगिता में भी सुरेश ने 1 किलो 700 ग्राम चूरमा खाकर पहला स्थान हासिल किया था.
अपना ही रिकार्ड किया ध्वस्त
इस बार सुरेश ने पिछली बार से ज्यादा चूरमा खाकर अपना ही रिकार्ड तोड़ने का काम किया है. प्रतियोगिता में विजेता रहे सुरेश को आयोजकों ने 5100 रुपए का नकद इनाम देकर सम्मानित किया. इसके अलावा, महिलाओं व बच्चों के वर्ग में विजेता रहे प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया.
चूरमा खाने की लगी होड़
चूरमा खाओ प्रतियोगिता में कुल 115 प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. इसमें 75 पुरुष, 25 महिलाएं और 15 दस साल से नीचे के बच्चे शामिल हुएं. सभी प्रतिभागियों में ज्यादा से ज्यादा चूरमा खाने की होड़ लगी हुई थी. इस प्रतियोगिता में हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों से पुरुष और महिलाएं देशी पहनावे में पहुंची जो सभी के आकर्षण का केंद्र बनी. इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए युवा रोहित अहलावत विशेष तौर पर इंग्लैंड से पहुंचे थे.
हरियाणवी संस्कृति व देशी खानपान को बढ़ावा देना उद्देश्य
दिल्ली पुलिस में कमांडो के पद पर कार्यरत गांव सिसाना निवासी आशीष दहिया ने बताया कि हरियाणवी संस्कृति और देशी खानपान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस तरह की अनोखी प्रतियोगिता शुरू की गई है. उन्होंने बताया कि इस तरह के आयोजन हमारे देशी खानपान को बढ़ावा देने के लिए बहुत जरूरी है. हमारी कोशिश है कि युवा दूध,दही, घी, चूरमा, हलवा जैसे देशी खाने में रूचि दिखाएं और अपने शरीर को स्वस्थ रखें तथा नशे से दूर रहें.
किसने कितना चूरमा खाया
प्रतियोगिता में गांव रोहणा निवासी 57 वर्षीय किसान सुरेश ने 2.180 ग्राम चूरमा खाकर पहला स्थान हासिल किया. पानीपत के गोरे ने 2.0 किलो चूरमा खाकर दूसरा, मटिंडू निवासी हवा सिंह ने 1.800 किलोग्राम चूरमा खाकर तीसरा, थाना कला के रामकुमार ने 1.725 किलोग्राम चूरमा खाकर चौथा स्थान, नुना माजरा के सुभाष ने 1.700 किलोग्राम चूरमा खाकर पांचवां और इस्माइला के प्रदीप ने 1.590 ग्राम चूरमा खाकर छठा स्थान प्राप्त किया.
दूध- चूरमा पसंदीदा भोजन
लगातार दूसरी बार प्रतियोगिता जीतने वाले किसान सुरेश ने बताया कि देशी खानपान में दूध और चूरमा उन्हें सबसे ज्यादा पसंद है. वह सप्ताह में तीन बार अपने इस पसंदीदा भोजन का स्वाद चखते हैं और उसके बाद खेत में कड़ी मेहनत करते हैं. उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि देशी खानपान को बढ़ावा दें और नशे से दूर रहें.
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