हरियाणा में बना था स्वतंत्र भारत का पहला महिला मेडिकल कॉलेज, आज गरीबों का होता है फ्री में इलाज

सोनीपत | भारत देश में वैसे तो हजारों मेडिकल कॉलेज मौजूद हैं लेकिन स्वतंत्र भारत का पहला महिला सरकारी मेडिकल कॉलेज हरियाणा राज्य में है. यह मेडिकल कॉलेज 1914 में दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद उत्तर भारत में पहला ऐसा संस्थान है जो विशेष रूप से महिलाओं के लिए बनाया गया था.

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इस कॉलेज की मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर भी छात्रा रह चुकी हैं. बता दें भगत फूल सिंह महिला मेडिकल कॉलेज की स्थापना 1 सितंबर 2011 को हुई थी. एमबीबीएस का यहां पहला बैच 2012 में पढ़ने आया था. इस मेडिकल कॉलेज का नाम भगत फूल सिंह के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने तीन कन्याओं से गुरुकुल की स्थापना की थी. इसी विचार को आगे बढ़ाते हुए आजादी के बाद पहला महिला मेडिकल कॉलेज स्थापित किया गया था.

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वर्तमान में, इस मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में कुल 600 बेड मौजूद हैं. चिकित्सकों और छात्राओं के लिए छात्रावास की भी सुविधा की हुई है. इतना ही नहीं, मरीजों के आने- जाने के लिए सरकार की ओर से बस का प्रबंध भी किया हुआ है.

सोनिया गांधी ने रखी थी कॉलेज की आधारशिला

साल 2008 में तात्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पहली बार खानपुर कलां में भगत फूल सिंह महिला युनीवर्सिटी के अंतर्गत एक महिला मेडिकल कॉलेज की स्थापना की घोषणा की थी. करीब 88 एकड़ भूमि में फैले इस कॉलेज की स्थापना 700 करोड़ रुपये की लागत से कराई गई थी. कॉलेज की आधारशिला 1 मार्च 2009 को सोनिया गांधी द्वारा रखवाई गई थी. इस कॉलेज के संबंधित अस्पताल को 2011 में 100 बिस्तरों और 21 डॉक्टरों की एक टीम में के साथ प्रारंभ किया गया था.

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अस्पताल में गरीबों का होता है मुफ्त इलाज

मेडिकल कॉलेज के निदेशक राजीव महेंद्र ने बताया कि इस मेडिकल कॉलेज में एसबीबीएस के अलावा एमडी, डीएमबी, डिप्लोमा, बीएससी कोर्स भी संचालित किए जा चुके हैं. इस संस्थान में करीब 1,600 चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. रोजाना करीब दो हजार ओपीडी की जा रही हैं. यहां आने वाले मरीजों को मुफ्त में इलाज के साथ दवाईयां भी वितरित की जाती हैं. अब मरीजों को रोहतक या दिल्ली नहीं जाना पड़ता, कई कैंसर पीड़ित मरीजों का इलाज भी यहीं हो जाता है.

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