सोनीपत । दिल्ली की सीमाओं पर एक साल 14 दिन से चला आ रहा किसान आंदोलन आज शाम को खत्म हो जाएगा. इसको लेकर किसान संगठनों में आपसी सहमति बन गई है. उन्हें केस वापसी समेत दूसरी सभी मांगे मंजूर होने का अधिकारिक पत्र भी मिल गया है. शाम साढ़े 5 बजे स्टेज से मोर्चा फतह की घोषणा की जाएगी. इसे देखते हुए सीमाओं पर किसानों ने अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है और घर वापसी की तैयारियां शुरू हो गई है.
वहीं किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पंजाब के 32 किसान संगठनों ने भी अपने कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार कर ली है. जिसमें 11 मार्च को दिल्ली से पंजाब तक विजयी जुलूस निकाला जाएगा. 13 दिसंबर को पंजाब के 32 किसान संगठनों के प्रतिनिधि अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब में माथा टेकेंगे.
पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों के अलावा सभी नेता अपने संगठनों के साथ मीटिंग कर आंदोलन खत्म करने की बात कह चुके हैं. हालांकि, इस पर संयुक्त किसान मोर्चे की मुहर लगनी बाकी है. इसके लिए मीटिंग शाम को निर्धारित की गई है, जिसमें केंद्र सरकार से आया किसानों की मांग कबूलने वाला आधिकारिक लेटर भी दिखाया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा की 5 मेंबरी हाईपावर कमेटी के सदस्य अशोक धावले ने कहा कि हमें केंद्र सरकार से मांग मंजूर करने वाला आधिकारिक लेटर मिल चुका है.अब इस पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में फैसला होगा.
इन मुद्दों पर बनी सहमति
MSP
केन्द्र सरकार द्वारा गठित कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा. जिन फसलों पर एमएसपी मिल रही है वो जारी रहेगी.
केस वापसी
उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार केस वापसी के लिए रजामंद हों गई है. दिल्ली और अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के साथ रेलवे द्वारा दर्ज मुकदमे भी तुरंत प्रभाव से वापस लिए जाएंगेे.
मुआवजा
हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार भी पंजाब सरकार की तर्ज पर 5 लाख रुपए मुआवजा राशि देगी.
बिजली बिल
बिजली संशोधन बिल सरकार सीधे संसद में पेश नहीं करेगी. पहले उस पर किसानों से चर्चा की जाएगी.
प्रदुषण कानून
प्रदूषण कानून को लेकर किसानों को सेक्शन 15 से आपत्ति थी. जिसमें किसानों को कैद नहीं, लेकिन जुर्माने का प्रावधान है, इसे केंद्र सरकार हटाएगी.
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