सोनीपत । सोनीपत के सिंधु बॉर्डर पर शुक्रवार सुबह-सुबह लखबीर सिंह की निर्मम हत्या कर दी गई. बता दें कि इस मामले में एक निहंग के सरेंडर की स्क्रिप्ट कुंडली थाने में बैठकर लिखी गई. इस वारदात के 15 घंटे बाद हुए सरेंडर में कई फैक्टस नें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर हरियाणा सरकार का सख्त स्टैंड, वारदात का सुर्खियां बनना, इस घटनाक्रम को कहीं ना कहीं किसान आंदोलन से जोड़कर देखा गया. वही दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा घटना की निंदा करना, आदि तमाम वजहो से निहंग जत्थे बंदियों पर दबाव बढ़ता चला गया.
किसान आंदोलन से मुद्दा जुड़ने से बढ़ा दबाव
चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास पर सीएम मनोहर लाल की गृह मंत्री अनिल विज, डीजीपी पीके अग्रवाल और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई . बता दें कि इस मीटिंग के 2 घंटे के अंदर ही निहंग सरबजीत सिंह का सरेंडर हो गया . वही लो एवं आर्डर के मुद्दे पर हरियाणा सरकार की ओर से रोहतक रेंज के आईजी संदीप खिरवार ने मोर्चा संभाला. शुक्रवार दोपहर 2:15 बजे सोनीपत के डीसी ललित सिवाच और एसपी जशनदीप सिंह रंधावा के साथ कुंडली थाना पहुंचे. बता दें कि खिरवार ने यहीं बैठ कर निहंग जत्थे बंदियों और किसान आंदोलन से जुड़े संगठनों से संपर्क साधा. खिरबार नें उनसे हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को पेश किए जाने पर बातचीत शुरू की.
कुंडली थाने पहुंचने के घंटे भर बाद ही खिरवार नें जब दोनों अफसरों के साथ मीडिया के सामने आकर कहा कि आरोपी उनके रडार पर आ चुकी है, तभी यह क्या हो गया था कि इस मामले का जल्द ही पटाक्षेप हो जाएगा.शुक्रवार सुबह 3:30 बजे लखबीर की हत्या कर दी गई, 8 घंटे बाद यानी दोपहर 12:00 बजे तक निहंग जत्थे बंदिया इसके लिए लखबीर को ही दोषी ठहराते रहे. वह अपने स्टैंड पर अड़े रहे . मगर उसके बाद धीरे-धीरे उन पर दबाव बढ़ने लगा जिसका असर साफ दिखाई देने लगा. सयुंक्त किसान मोर्चा ने पहले प्रेस बयान और बाद में जब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हत्या की निंदा करते हुए इस कानून के खिलाफ बताया, तो उन पर और भी दबाव बढ़ गया.
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