गोहाना । गोहाना के एक डॉक्टर की वीडियो आजकल वायरल हो रही है। जिसमें डॉक्टर इल्जाम लगाते हुए कहते हैं कि भाजपा के एक नेता के शिकायत करने पर उन्हें नौकरी से सस्पेंड किया गया है. दरअसल गोहाना के भगत फूल सिंह महिला मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर को सस्पेंड किया गया था. डॉक्टर पर इल्जाम लगाया गया था कि उसने कोरोना संक्रमित मरीज के साथ दुर्व्यवहार किया है. इसलिए अब डॉक्टर को नौकरी से बर्खास्त किया जाता है. लेकिन अब यह मामला तूल पकड़ गया है. डॉक्टर ने अब इस मामले में अपनी सफाई दी है. डॉक्टर ने उल्टा आरोप लगाते हुए कहा है कि एक षड्यंत्र के तहत उसे सस्पेंड किया गया है.
डॉक्टर ने लगाया यह आरोप
बर्खास्त हुए डॉक्टर ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने उसकी एक नहीं सुनी कोई जांच नहीं की गई और बिना उसका पक्ष जाने उसे नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया. उसे बर्खास्तगी का नोटिस पकड़ा दिया गया. ने कहा कि वह पूरी ईमानदारी निष्ठा और बिना भेदभाव के इस मुश्किल दौर में मरीजों की सेवा करता आ रहा है. अपने ऊपर लगे दुर्व्यवहार के इल्जाम के पक्ष में उन्होंने कहा कि उल्टा भाजपा के एक नेता ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया है. जिसकी जांच की जानी चाहिए. डॉक्टर ने भगत फूल सिंह महिला मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और भाजपा नेता के खिलाफ दुर्व्यवहार के मामले में कार्रवाई की जानी चाहिए.
डॉक्टर पर लगे थे यह इल्जाम
बता दें कि भगत फूल सिंह महिला मेडिकल कॉलेज निदेशक ने स्पेशल कोविड-19 वार्ड में कार्यरत डीएमओ डॉ कपिल देव को मंगलवार को सस्पेंड कर दिया था.उन पर आरोप था कि उन्होंने कोरोना संक्रमित मरीज के साथ दुर्व्यवहार किया है. इस के आरोप में निदेशक डॉक्टर एपीएस बत्रा ने कार्रवाई की और डॉक्टर को सस्पेंड करते हुए मेडिकल उपाधीक्षक के कार्यालय से संबंध कर दिया था.
लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई अब डॉक्टर ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया जो रातों-रात वायरल हो गया. जिसमें डॉक्टर कपिल ने रोते हुए इस मामले में अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं थी. उनका पक्ष नहीं जाना गया. एकतरफा कार्रवाई की गई है. बार-बार रिश्तेदारों,परिचितों के उनके पास फोन आ रहे हैं. मैं खुद को डिप्रेशन में महसूस कर रहा हूं. उन्होंने एक भाजपा नेता पर आरोप लगाते हुए कहा कि उस नेता के दबाव में मुझ पर यह कार्रवाई की गई है.
वही इस बारे में जब मेडिकल के नोडल अधिकारी व एसडीएम अशीष वशिष्ट से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी.मीडिया के माध्यम से ही उन्हें इस बारे में पता चला. डॉक्टर को सस्पेंड किए जाने संबंधी एक कॉपी उनके पास आई है. जल्दी ही जांच करके इस मामले को सुलझा लिया जाएगा.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!