सोनीपत । जिले में गेहूं का सीजन लगभग खत्म हो चुका है. लगभग सभी किसानों का गेहूं बिक्री के लिए मंडियों में आ चुका है. लेकिन फसल मंडी में आने के दस दिन बाद तक भी पेमेंट किसानों के खाते में नहीं पहुंची है. हालांकि प्रदेश सरकार ने किसानों को पेमेंट जे -फार्म कटने के तीन दिन के भीतर उनके खातों में डालने का वायदा किया था. सरकार द्वारा किए गए इस वायदे को किसान मुंगेरी लाल के सपने दिखाना बता रहे हैं. मंडी में किसानों द्वारा गेहूं की आवक बंद हो चुकी है जिसके चलते मंडियों में गेहूं की खरीद भी बंद हो गई है. किसानों से सरकार से गुहार लगाई है कि उनकी फसल की पेमेंट जल्द से जल्द खातों में डाली जाएं.
हरियाणा सरकार ने प्रदेश में एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू की थी. वहीं जिले में सरकार ने गेहूं खरीद के लिए सोनीपत , खरखोदा, गन्नौर, गोहाना समेत 23 खरीद केंद्र बनाएं थे. सरकार ने गेहूं खरीद की जिम्मेदारी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ,हैफैड और एफसीआई के साथ-साथ एचडब्ल्यू सी आदि एजेंसियों को सौंपी थी. फिलहाल सभी खरीद एजेंसियों ने गेहूं की खरीद प्रक्रिया को बंद कर दिया है.
हैफेड ने करीब 55% गेहूं की ही जारी की है पेमेंट
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की तरफ़ से 7,365 किसानों का गेहूं खरीदा गया है. विभाग की तरफ़ से करीब 75% पेमेंट का भुगतान करते हुए 128.93 करोड़ रुपए किसानों को दिया चा चुका है. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की तरफ़ से अब भी करीब 42.79 करोड़ रुपए किसानों का भुगतान बाकी है. इसी तरह एचडब्ल्यू सी की तरफ से भी 311 किसानों से गेहूं खरीद की गई है. विभाग ने भुगतान का लगभग 83% करते हुए 82.3 करोड़ रुपए किसानों को दिया है.
वहीं हैफेड की तरफ से 16,552 किसानों से गेहूं खरीद की गई है. हैफेड ने 162.60 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खातों में भेजी है जबकि 133.49 करोड़ रुपए का भुगतान पेंडिंग हैं. एफसीआई की ओर से भी करोड़ों रुपए की राशि बकाया है. ऐसे में सरकार द्वारा किए गए वादों के बावजूद भी समय पर पेमेंट जारी नहीं होने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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