पानीपत । जिले की ग्रामीण पृष्ठभूमि से एक गांव की बेटी 18 वर्षीय विंका बॉक्सिंग में विश्व चैंपियन बन गई है. उसने 60 किलोग्राम भार वर्ग में पौलेंड में आयोजित विश्व युवा बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कजाकिस्तान की बॉक्सर खुलदिल को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. पहले और दूसरे राउंड में वह 10-9 से आगे थी , तीसरे राउंड में विंका के दमदार पंच के सामने कजाकिस्तान की बॉक्सर टिक नहीं पाई और हार मान ली. विंका यह प्रतियोगिता जीतने वाली जिले की पहली बॉक्सर बन गई है. फाइनल मुकाबले तक का सफर उन्होंने तीन बॉक्सरों को हराकर तय किया. विंका अभी तक राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 25 पदक जीत चुकी है.
भावुक हो गए पिता
बेटी की इस कामयाबी को टीवी पर देख रहे टैक्सी चालक धर्मेंद्र भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि बॉक्सिंग खेल चुनने की जिद में बेटी ने खाना- पीना भी छोड़ दिया था और उनकी जिद के सामने वह टिक नहीं पाए. बेटी को चैंपियन बनाने का सपना पूरा करने के लिए आर्थिक तंगी भी झेलनी पड़ी. जमीन बिक गईं. आज बेटी ने स्वर्ण पदक जीतकर मान रख लिया है. अब बेटी से ओलम्पिक पदक जीतने की उम्मीद बढ़ गई है.
विंका ने शुरुआती कोचिंग शिवाजी स्टेडियम में बॉक्सिंग कोच सुनील कुमार से ग्रहण की. कोच सुनील ने बताया कि मुकाबला शुरू होने से पहले विंका से बात हुई तो कहा था कि घबराना नहीं. विंका न ही थकती है,न ही नर्वस होती है और ज्यों- ज्यों मुकाबला आखिर तक चलता है , त्यों -त्यों ताकत बढ़ती है. यही विंका की जीत का मंत्र है.
अब लोग बेटी के नाम से जानते हैं
मां सरला ने बताया कि बड़ी बेटी हॉकी की नेशनल चैंपियन है. उन्होंने कभी बेटियों को बेटों से कम नहीं समझा. वह और पति बेटियों के साथ थे. विंका विश्व चैंपियन हो गई है. अब लोग उन्हें बेटी के नाम से जानते हैं. उन्हें अपनी बेटियों की उपलब्धियों पर गर्व है.
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