टीम इंडिया का बदला बैटिंग का अंदाज, अब विराट कोहली की इस वजह से बढ़ी मुश्किलें

चंडीगढ़ | तीन साल पहले तक भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ माने जाने वाले विराट कोहली इस समय अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं. लाख कोशिशों के बाद भी उनका खामोश बल्ला मुंह नहीं खोल रहा है. वह इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 में 1 रन पर आउट हो गए थे. इसी बीच उनके सामने एक और बड़ी चुनौती आ गई है. चुनौती यह है कि अगर उन्हें भारत की टी20 टीम में बने रहना है तो उन्हें 160+ के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करनी होगी. ऐसा क्यों है आइए जानते हैं…

virat kohli

अब टीम इंडिया ने अपनाई ये रणनीति

पिछले 15 दिनों में हमने देखा है कि टीम इंडिया ने टी20 क्रिकेट खेलने के लिए बेहद आक्रामक रणनीति बनाई है. अब हमारे बल्लेबाज शुरू से लेकर अंत तक आक्रामक रुख अपनाते रहते हैं. जोर बड़ी पारी खेलने पर नहीं बल्कि आक्रामक पारी खेलने पर है. 130 स्ट्राइक से 80 रन मायने नहीं रखते. अब 200 के स्ट्राइक रेट से बनाए गए 30 रन अधिक मूल्यवान हैं.

यह भी पढ़े -  AK47 के नाम से मशहूर हरियाणा के अंशुल कंबोज, 10 विकेट लेकर रच दिया इतिहास

भारतीय टीम आयरलैंड और इंग्लैंड के दौरे पर अब तक 4 मैच खेल चुकी है. इसमें भारत ने बल्लेबाजी क्रम के शीर्ष-6 स्थान पर 12 बल्लेबाजों को आजमाया. उन्होंने 165 की स्ट्राइक रेट और 32.47 की औसत से रन बनाए हैं. कप्तान रोहित शर्मा ने खुद 162 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं. दीपक हुड्डा ने 179, संजू सैमसन ने 183 और सूर्यकुमार यादव ने 191 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की है.

विराट कोहली आमतौर पर 130 से 140 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हैं. उन्होंने कुछ मौकों पर 180 या 200 का स्ट्राइक रेट भी बनाए रखा लेकिन अभी जिस तरह की फॉर्म में हैं, उससे यह काम बहुत मुश्किल हो सकता है. विराट ने इस साल जितने भी टी20 खेले हैं, जिसमें इंटरनेशनल और आईपीएल भी शामिल हैं, उनका स्ट्राइक रेट 120 से कम रहा है. कुल मिलाकर उनका करियर स्ट्राइक रेट 137.54 रहा है. रोहित शर्मा ने पहले मैच के बाद साफ कर दिया कि टीम इस रणनीति को जारी रखेगी. सभी बल्लेबाजों को उसी के मुताबिक बल्लेबाजी करनी होगी.

यह भी पढ़े -  AK47 के नाम से मशहूर हरियाणा के अंशुल कंबोज, 10 विकेट लेकर रच दिया इतिहास

बहुत जल्द खुद को साबित करना होगा

अगला टी20 वर्ल्ड कप 98 दिनों के बाद ऑस्ट्रेलिया में शुरू होना है. भारत को इससे पहले अभी तक 20 से ज्यादा टी20 मैच खेलने हैं. भारतीय प्रबंधन चाहता है कि कम से कम 12 से 15 मैच एक ही संयोजन के साथ खेले जाएं और फिर यह विश्व कप में जाता है. यानी अगले 5 से 7 मैच हर खिलाड़ी के लिए ट्रायल की तरह होते हैं. अगर वह टीम की जरूरतों के लिए खुद को साबित कर सकता है, तो वह बच जाएगा. जो असफल होगा वह बाहर हो जाएगा.

यह भी पढ़े -  AK47 के नाम से मशहूर हरियाणा के अंशुल कंबोज, 10 विकेट लेकर रच दिया इतिहास

हुड्डा ने बढ़ाई विराट की मुश्किलें

आयरलैंड-इंग्लैंड दौरे के पहले तीन टी20 मैचों में विराट भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे. उनकी जगह दीपक हुड्डा ने इन मैचों में शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी की. दो बार वह नंबर-3 पर आए और एक बार ओपनिंग की. हुड्डा ने इन तीन मैचों में 92 के औसत और 179 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की. हुड्डा की एक और खासियत यह है कि वह ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी कर सकते हैं. यानी अगर विराट जल्दी फॉर्म में नहीं लौटे और तेज बल्लेबाजी नहीं की तो उनके लिए नंबर-3 की जगह बरकरार रखना काफी मुश्किल हो सकता है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit