महेन्द्रगढ़ | बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि की मार ने किसान का हाल- बेहाल कर दिया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि फसलें अब सड़ने लगी है. खलिहानों में एकत्रित सरसों और पुलियों में एकत्रित गेहूं में बालियां अंकुरित होना शुरू हो गई है. गेहूं की फसल जमींदोज होने से दाना काला पड़ने लगा है जिससे गुणवत्ता प्रभावित होगी और उत्पादन भी कम होगा. अकेले महेन्द्रगढ़ जिले की बात करें तो यहां 17 मार्च से 2 अप्रैल तक ओलावृष्टि और तीन बार में कुल 193 mm बारिश दर्ज की गई है.
जिलें में 20 मार्च के आसपास तक सरस्वती की सौ फीसदी कटाई हो गई थी और 29 मार्च के आसपास अगेती गेहूं की कटाई शुरू हो गई थी. लेकिन 17 मार्च से शुरू हुआ बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि का दौर इन फसलों में खासा नुकसान पहुंचा कर गया है. लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि के कारण खलिहानों में पड़ी फसल अंकुरित हो रही है.
फफूंद लगने की वजह से सरसों की फसल की गुणवत्ता 50 से 80 प्रतिशत तक प्रभावित होगी. जिलें में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से फसलों में 90 प्रतिशत तक नुकसान की आंशका जताई जा रही है. विभाग द्वारा स्पेशल गिरदावरी कराई जा रही है और नुकसान की रिपोर्ट प्रशासन व सरकार के पास भेजी जा रही है.
Observed #Minimum #Temperature over #Punjab, #Haryana & #Chandigarh dated 03 April 2023 pic.twitter.com/soCE8e6mP0
— IMD Chandigarh (@IMD_Chandigarh) April 3, 2023
3 अप्रैल को फिर से बढ़ेगी चिंता
बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि की दोहरी मार झेल रहे किसानों को मौसम विभाग की ताज़ा भविष्यवाणी चिंता में डाल रही है. 3 अप्रैल को एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की आंशका जताई गई है, जिससे हरियाणा और NCR में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा. कुछ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश तो वहीं पानीपत और सोनीपत जिले में ओलावृष्टि भी हो सकती है. इस दौरान 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अंदेशा है. ऐसे में फिर से यदि आसमान से आफत बरसती है तो बची हुई फसल को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता है.
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