चंडीगढ़ | हरियाणा में अब बरसात का दौर अब खत्म होता नजर आ रहा है. शनिवार को पूरे दिन कड़कड़ाती धूप निकली रही जिससे दिन का तापमान 29 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया. आने वाले दिनों में फिलहाल बरसात की संभावना अभी नहीं है जोकि किसानों के लिए राहत भरी बात है क्योंकि पिछले दिनों हुई बरसात व ओलावृष्टि ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाने का काम किया है.
अब ऐसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग के मुताबिक, मौसम 30 मार्च तक परिवर्तनशील परंतु खुश्क रहने की संभावना है. इस दौरान बीच बीच में हल्के बादल व हवाएं चलने की आशंका है जिससे दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है. मौसम विभाग का आगे कहना है कि एक और पश्चिमिविक्षोभ के आंशिक प्रभाव से 30 मार्च रात्रि से मौसम में फिर से बदलाव की होने के आसार हैं. अगर ऐसा होता है तो किसानों के लिए काफी समस्या हो सकती है क्योंकि इस वक्त गेहूं की फसल पकने को तैयार है.
झज्जर में गिरदावरी करने पहुंची टीम
झज्जर को साल्हावास क्षेत्र के गांव लडायन में सुंधरेटी नौगांवा रोड पर पटवारी किसानों की फ़सल में हुए नुकसान की गिरदावरी करने पहुंचे. ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसान साल्हावास ब्लाक के गांव को हुआ था. उसके बाद, जब बरसात भी हुई तो उस वक्त भी सबसे ज्यादा बरसात इसी गांव में देखने को मिली थी जिस बाद किसानों की फसलों को और ज्यादा नुकसान हुआ कुछ दिनों पहले ही फसलों के नुकसान को लेकर 11 गांव के किसान मातनहेल अनाज मंडी में भी एकत्रित हुए थे.
किसान बोले- गिरदावरी ही आखिरी उम्मीद
किसान जय भगवान, रामबीर, सोमनाथ ने बताया कि ओलावृष्टि और बरसात होने के बाद फसल लगभग नष्ट हो चुकी है. केवल गिरदावरी ही अब आखिरी उम्मीद है. गिरदावरी के बाद जो मुआवजा मिलेगा उसी से ग्रामीणों को भी उम्मीदें हैं. उन्होंने मांग की है कि जल्द- से- जल्द गिरदावरी हो ताकि समय पर उचित मुआवजा मिल सके.
5 हजार किसान मुआवजे के लिए कर चुके हैं आवेदन
झज्जर में फसलों के मुआवजे के लिए करीब 5 हजार किसान अपना पंजीकरण करवा चुके हैं जिसमें से 750 किसानों ने सरसों की फसल के मुआवजे के लिए आवेदन किया है. पंजीकरण करवाने के लिए किसानों की संख्या में आने वाले दिनों में और अधिक इजाफा देखने को मिल सकता है क्योंकि बरसात के कारण फसल को और अधिक नुकसान हो हुआ.
बारिश नहीं हुई तो तीन- चार दिन में सूख जाएगा खेत
कृषि विभाग के तकनीकी विशेषज्ञ ईश्वर जाखड़ का कहना है कि की अगर बारिश नहीं होती है तो तीन- चार दिन के अंदर ही खेतों में जमा पानी सूख जाएगा. जिसके बाद, गेहूं की फसल की कटाई भी आराम से हो जाएगी. हालांकि, उन क्षेत्रों के ग्रामीणों के लिए बहुत अधिक समस्या है जहां पर पानी की निकासी की सुविधा नहीं है और वहां पर अक्सर जलभराव देखने को मिलता है. वहां पर पानी की निकासी के लिए पंपसेट लगाए जाएंगे.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!