चंड़ीगढ़, Haryana Weather Update | हरियाणा में बदले मौसम के मिजाज की वजह से झज्जर में जमकर ओलावृष्टि हुई है. साथ ही, कई जिलों में बरसात भी हुई है. ओलावृष्टि की वजह से झज्जर में काफी नुकसान हुआ है जिस कारण किसानों की चिंता और ज्यादा बढ़ गई है. बता दें कि अब ओलावृष्टि की संभावना मौसम विभाग ने नहीं जताई है. आने वाले दिनों के लिए मौसम विभाग ने अपना पूर्वानुमान जारी किया है.
ये है मौसम का पूर्वानुमान
हरियाणा राज्य में पश्चिमिविक्षोभ के आंशिक प्रभाव से राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम में बदलाव अगले दो दिनों तक जारी रहने की संभावना है. कल 20 मार्च को राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में हवाओं व गरज- चमक के साथ कहीं- कहीं हल्की बारिश की उम्मीद है परंतु 21 मार्च को उत्तर पश्चिमी व दक्षिणी क्षेत्रों में कुछ एक स्थानों पर हल्की बारिश की आशंका है जिसके प्रभाव से दिन के तापमान में गिरावट तथा रात्रि तापमान में हल्की बढ़ोतरी तथा 22 व 23 मार्च को मौसम खुश्क रहेगा.
एक और पश्चिमीविक्षोभ की संभावना
हरियाणा में एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की वजह से मौसम प्रणाली में बदलाव आया है यही कारण है कि ओलावृष्टि और बारिश हुई है मौसम विभाग ने आगे बताया है कि एक ओर पश्चिमिविक्षोभ 24 व 25 मार्च को भी राज्य के मौसम को प्रभावित करने की संभावना बन रही है. अगर ऐसा होता है तो किसानों के लिए यह चिंता का विषय बन सकता है. क्योंकि मौजूदा समय में सरसों की फसल कटने को तैयार है तो गेहूं की फसल पककर तैयार हो रही है.
झज्जर में हुआ अधिक नुकसान
शनिवार को झज्जर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि की वजह से करीब 30 गांव में फसलों को नुकसान पहुंचा है. सबसे अधिक नुकसान मातनहेल ब्लाक के गांव को पहुंचा है. मातनहेल के करीब 8 गांव में ओलावृष्टि होने की वजह से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. झज्जर ब्लाक के 4 गांव में ओलावृष्टि हुई है. साथ ही, साल्हावास गांव के करीब 18 गांव में ओलावृष्टि की वजह से फसलों को नुकसान होने का अनुमान है. करीब 8800 एकड़ गेहूं, 5400 एकड़ सरसों और 450 एकड़ जौ व अन्य फसलों को नुकसान हुआ है.
बता दें कि जिन 30 गांव की जानकारी दी गई है यह कृषि विभाग के आंकड़े हैं. प्रभावित गांव की संख्या और भी अधिक हो सकती है. गौरतलब है कि मौजूदा समय में फसलों की कटाई का सीजन चल रहा है. किसान को चिंता है कि वह खेत मेंड़ी अपनी फसल को बाजार तक ले आए. लेकिन, जिस तरह के हालात बने हुए हैं इससे हर तरफ चिंता बढ़ी है.
बादली, माछरौली में भी बरसात ने चिंता बढ़ाई हुई है क्योंकि यह गेंहू की फसल के लिए काफी नुकसानदायक है. जिले में अभी तक सरसों की 50 प्रतिशत कटाई हो चुकी है. गेहूं की फसल अभी पक कर तैयार होने को है. ऐसे में सरसों की 50 प्रतिशत कटाई नहीं होने की वजह से जिन क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई है वहां किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
करीब 60 प्रतिशत फसलों को नुकसान का अनुमान
झज्जर के कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि करीब 60 प्रतिशत फसलों को नुकसान पहुंचने का अनुमान है. हालांकि, यह एक अनुमानित है. मौके पर जाकर ही पता चल सकता है कि नुकसान कितना हुआ है. अभी केवल ओलावृष्टि को देखते हुए अनुमानित आंकड़े जारी किए गए हैं. फिलहाल, आने वाले दिनों में केवल बरसात की संभावना है अब ओलावृष्टि की संभावना नहीं है.
ओलावृष्टि ने किया फसल को बर्बाद : किसान
किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि काफी समय तक हुई. कई किसानों ने कहा कि ओलावृष्टि 20 मिनट तो किसी ने कहा कि लगभग 25 मिनट तक आसमानी आफत बरसती रही. यही कारण रहा कि फसल लगभग नष्ट होने के कगार पर पहुंच चुकी है. अगर ओलावृष्टि नहीं हुई होती तो फसल के बचने की पूरी उम्मीद थी. किसानों ने मांग की है कि प्रशासन द्वारा उचित मुआवजा दिया जाए.
गीता भुक्कल बोलीं- किसानों पर प्रकृति और कर्ज की है मार
पूर्व शिक्षा मंत्री एवं झज्जर से मौजूदा कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि ओलावृष्टि और बरसात से हुए फसलों के नुकसान की स्पेशल गिरदावरी सरकार करवाए. साथ ही, किसानों को मुआवजा देने की भी मांग की है. विधानसभा में कांग्रेस बर्बाद फसलों के मुआवजे का मुद्दा उठाएगी. सरकार तुरन्त किसानों को राहत प्रदान करे.
पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुकक्ल ने साल्हावास क्षेत्र अकेहड़ी मदनपुर, बिरड़, लडायन, हमायूपुर, नौगांवा, सुंदरेटी आदि गावों में पहुंच ओलावृष्टि और बरसात से हुए फसलों के नुकसान का जायजा लिया और प्रशाशन के उच्च अधिकारियों को जल्द ही स्पेशल गिरदावरी करने के लिए फोन पर सम्पर्क कर कहा.
उन्होंने कहा कि विधानसभा में बजट सत्र में भी मुआवजा देने के लिए किसानों की आवाज सरकार के समक्ष उठाई जाएगी. उनके साथ साल्हावास गौशाला प्रधान पूर्व एसीपी राजबीर जाखड़, राजरूप जाखड़ व अन्य कार्यकर्त्ता उपस्थित थे.
डीसी ने कही ये बात
झज्जर के डीसी शक्ति सिंह ने कहा है कि रेवेन्यू स्टाफ द्वारा मौके पर जाकर नुकसान हुई फसल का आकलन किया जा रहा है जो रिपोर्ट आएगी उसके बाद स्थिति स्पष्ट होगी कि कितना नुकसान हुआ है. किसान ई- क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल का नुकसान दर्ज करवा सकते हैं.
झज्जर के इन 3 ब्लाकों में हुई ओलावृष्टि
- झज्जर : भठेडा, काडी, अमादलपुर, असदपुर खेड़ा
- मातनहेल : नोगांवा, सुंदरेटी, अकेहडी मदनपुर, लडायन, जमालपुर, हुमायूंपुर, मुंदसा, अमादल शाहपुर
- साल्हावास : ढाकला, बिठला, नीलाहेड़ी, कुंदरावली, निवादा, चंदौल, कासनी, कुंजिया, कनवा, वीरखानपुर वीरान, मुंडाहेडा, बिरड़, ढाणा, धनीरवास, भूरावास, छप्पार, दादनपुर, अहरी