चंड़ीगढ़ | उत्तर भारत के मैदानी राज्यों खासकर हरियाणा में पिछले कई दिनों से मौसम साफ और शुष्क बना हुआ है जिससे पूरे इलाके में पारा चढ़ रहा है. उमस भरी और पसीने से तर गर्मी अपनी चिलचिलाती गर्मी के साथ शुरू हो रही है और आम आदमी को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है.
अगस्त से हरियाणा में मॉनसून की गतिविधियां सुस्त बनी हुई हैं. इन सब कारणों से पूरे क्षेत्र में तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. आसमान से आग बरस रही है और भादों के महीने की तपिश अपने तीखे तेवर से शुरू हो रही है. अगस्त का महीना सुस्त मानसून गतिविधियों का गवाह रहा और अब सुस्त मानसून गतिविधियां सितंबर में अगले एक सप्ताह तक जारी रहेंगी. हालांकि, इस दौरान स्थानीय मौसम प्रणाली के माध्यम से एक या दो स्थानों पर आंशिक रूप से बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने की संभावना है.
मौसम विभाग ने बताया है कि मानसून टर्फ़ की अक्षय रेखा अब भी सामान्य स्तिथि से उत्तर पश्चिमी छोर हिमालय की तलहटियों की तरफ होने से हरियाणा राज्य में बारिश की गतिविधियों में 9 सितम्बर तक कमी बने रहने की संभावना है. राज्य में मौसम 9 सितम्बर तक आमतौर पर परिवर्तनशील व बीच-बीच में आंशिक बादलवाई व हवाएं चलने की संभावना है. परंतु इस दौरान बंगाल की तरफ से नमी वाली हवाओं व तापमान में बढ़ोतरी के प्रभाव से कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी होने के आसार हैं. 10 सितम्बर से मानसूनी हवाएं एक बार फिर से एक्टिव हो सकती हैं. राहत की बात यह है कि 10 सितम्बर देर रात्रि से राज्य में बारिश का दौर शुरू होने की संभावना बन रही है.
शासकीय महाविद्यालय, नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार पछुआ गर्म और शुष्क हवाएं हावी रहती हैं. जिसने पिछले कई दिनों से पूर्वी नमी के साथ दक्षिण-पूर्वी हवाओं का रुख रोक दिया है. इसके साथ ही, मॉनसून टर्फ लाइन उत्तरी तराई क्षेत्रों पर बनी हुई है. इसके अलावा, हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर पिछले कई दिनों से कोई प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है. अगस्त माह के दौरान मौसम प्रणालियों का प्रभाव केवल निचले दक्षिणी राज्यों हरियाणा एनसीआर पर देखा गया.
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