नई दिल्ली | राजधानी दिल्ली में सुबह के मौसम ने सभी को हैरान कर दिया. लोगों की नींद खुली तो आसमान में कोहरा छाया हुआ था. दिल्ली और एनसीआर में भी तापमान 15- 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के कारण दिन के तापमान में गिरावट यानी अधिकतम तापमान पहले से ही देखने को मिल रहा था और बादलों की हल्की छटा के साथ ही रात और सुबह के तापमान में आई कमी ने कोहरे का रूप ले लिया.
बारिश के कारण मौसम में नमी यानी उमस पहले से ही मौजूद थी लेकिन मौसम वैज्ञानिकों से लेकर आम लोगों को जो चीज हैरान कर रही है वह है मई के महीने में पड़ने वाला कोहरा. आइए जानते हैं मौसम का मिजाज इतना बदला क्यों है….
मई के महीने में पश्चिमी विक्षोभ का आना असामान्य
दिल्ली में बारिश की मुख्य वजह पश्चिमी विक्षोभ है. आमतौर पर पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर से बहने वाली नम हवाओं से आता है. इस कारण भारत के उत्तरी क्षेत्रों में सामान्यतः अक्टूबर से फरवरी माह तक ही वर्षा होती है यानी जैसे ही सूरज उगता है, उसका असर भारत में नहीं दिखता है. कई बार सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ अप्रैल के महीने तक भी देखे जाते हैं लेकिन मई के महीने में ऐसा सिस्टम बहुत कम देखने को मिलता है.
मई के महीने में इस वजह से होता है कोहरा
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, दिल्ली और उसके आसपास बादलों के छाने का सिलसिला शुरू हो गया है और इससे गुरुवार की रात और सुबह के तापमान में अचानक गिरावट आई और मौजूदा नमी ने कोहरे का रूप ले लिया लेकिन इस बार मौजूदा पश्चिमी विक्षोभ मई महीने का आखिरी नहीं है. 5 मई से एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत की ओर बढ़ रहा है, जिससे पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश का नया दौर आ सकता है यानी 8 मई तक बादलों की आवाजाही जारी रहेगी.
मई की ठंड ने क्लाइमेट चेंज पर बहस को दिया नया मोड़
एक बात तो तय है कि असामान्य महीनों में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का आना चौंकाने वाला है और इसके पीछे मौसम वैज्ञानिकों को कोई खास वज़ह भी नहीं दिखाई दे रही है लेकिन इस तरह के बदलावों ने क्लाइमेट चेंज पर बहस को एक नया मोड़ दे दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि पिछली बार गर्मी के महीनों में इतने सारे वेस्टर्न डिस्टरबेंस लगभग 55 साल पहले सन 1969 में आए थे.
मई में हीटवेव की बजाए देशभर में सुहाना मौसम
इस समय एक तरफ वेस्टर्न डिस्टरबेंस से उत्तरी राज्यों में बारिश का सिलसिला चल रहा है. वहीं, दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवातीय यानी साइक्लोनिक सिस्टम भी तैयार हो रहा है जो अगले कुछ दिनों में पूर्वी तट पर अच्छी खासी बारिश करेगा. कुल मिलाकर देशभर के लिए मई में हीटवेव की बजाए चर्चा का विषय बारिश और सुहाना मौसम बना हुआ है.
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