हिसार | जून महीने में हरियाणा के लोगों ने तपती गर्मी का सामना किया लेकिन जुलाई के महीने प्रदेश में मॉनसून मेहरबान रहा. अभी तक प्रदेश के भीतर लगभग पूरे जुलाई महीने में हल्की-फुल्की बारिश समय-समय पर देखने को मिली. अब कृषि मौसम विज्ञान हिसार द्वारा राज्य में जुलाई के अंतिम सप्ताह में मौसम की स्थिति को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है.
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग अध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, मानसून टर्फ रेखा अनूपगढ़, सवाई माधोपुर, रीवा, अम्बिकापुर होते हुए उत्तर पाश्चिमी बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर दक्षिण पाश्चिमी राजस्थान पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है. जिससे राज्य में 24 व 25 जुलाई को कुछ एक स्थानों पर हल्की बारिश परन्तु बंगाल की खाड़ी में बनने वाले एक कम दबाब का क्षेत्र से 26 जुलाई से मानसून हरियाणा राज्य में फिर से और सक्रिय होने की संभावना है. जिसके प्रभाव से 26 जुलाई रात्रि से 29 जुलाई के बीच राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में हवायों व गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश होने की भी संभावना है.
जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा राज्य के भीतर आगामी दिनों में तीसरी बार मानसून की सक्रियता देखने को मिलेगी. प्रदेश में 12 से 15 जुलाई में पहली जबकि 19 से 21 जुलाई के बीच दूसरी बार मानसूनी बारिश हुई थी. 1 जून से 23 जुलाई तक भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकडो के विश्लेषण से पता चलता है कि हरियाणा राज्य में 199.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है जो सामान्य बारिश (163.3 मिलीमीटर) से 22 प्रतिशत अधिक है. मानसूनी बारिश के बाद से राज्य के लोगों को गर्मी से तो राहत मिली ही है वहीं कृषि मौसम विज्ञान विभाग हिसार के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बारिश सभी फसलों के लिए लाभदायक है, लगभग सभी फसलों को पानी की आवश्यकता थी जिसकी पूर्ति मॉनसून की बारिश ने की है. खास तौर पर धान की फसलों के लिए यह बारिश बेहद ही लाभदायक सिद्ध होगी.
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