Haryana Weather Update: हरियाणा में बढ़ेगा गर्मी का कहर, हफ्ते भर राहत की नहीं संभावना

चंडीगढ़, Haryana Weather Update | हरियाणा के लोगों का इन दिनों गर्मी से पसीना छूट रहा है. हफ्ते भर से प्रदेश का मौसम शुष्क और गर्म बना हुआ है जिससे तापमान में भी लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. पूरे जून माह में राज्य का मौसम लगातार परिवर्तनशील बना रहा. समय-समय पर हल्की आंधी तूफान के साथ हुई बूंदाबांदी से राज्य के लोगों को राहत जरूर मिली लेकिन अधिकतर इलाकों में मौसम शुष्क ही बना रहा.

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राज्य के लोग बेसब्री से मानसून का इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें गर्मी से राहत मिले. लेकिन मौसम विभाग की तमाम मौसम पूर्वानुमान रिपोर्टों से लगता है कि राज्य के लोगों को मानसूनी बारिश का लंबा इंतजार करना पड़ेगा. मौसम विभाग द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट की माने तो 2 जुलाई तक राज्य में मौसम परिवर्तनशील परंतु शुष्क रहेगा. वातावरण शुष्क होने के कारण तापमान में भी वृद्धि होगी जिससे राज्य के लोगों को अगले आने वाले 1 हफ्ते में गर्मी का सामना करना पड़ेगा. हालांकि मौसम विभाग का यह भी कहना है कि इस दौरान कई इलाकों में धूल भरी आंधी के साथ आंशिक बारिश होने की भी संभावना है.

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राज्य में मॉनसून आगमन के बारे में बताते हुए हरियाणा मौसम विभाग एचएयू विभागाध्यक्ष मदन खिचड ने जानकारी दी कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण उपरी सतह की अधिक ऊंचाई वाली पश्चिमी हवाओं के चलने से बंगाल की तरफ से नमी वाली पुरवाई मॉनसूनी हवाओं की सक्रियता कम हो गई. मॉनसून टर्फ उत्तर में उपर हिमालय की तरफ बढऩे के कारण मॉनसूनी हवाएं हरियाणा की तरफ नहीं बढ पा रही है. मानसूनी हवाओं की सक्रियता के लिए अनुकूल परिस्थितियां अगले चार-पांच दिनों के बाद ही बनने की सम्भावना है.

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परिवर्तनशील मौसम का सीधा असर राज्य के किसानों की खेती पर पड़ता है. जिस कारण मौसम विज्ञान विभाग हिसार और भारतीय मौसम विभाग द्वारा मौसम अनुरूप किसानों को कृषि सलाह दी जा रही है.

नरमा/ कपास व सब्जियों के खेतों में आवश्यकतानुसार निराई गुड़ाई कर नमी संचित करे. वातावरण में नमी की अधिकता व लगातार बादलवाई रहने के कारण नरमा/कपास व सब्जियों में कीटों व रोगों का प्रकोप हो सकता है इन फसलों की लगातार निगरानी करते रहे व यदि कहीं प्रकोप दिखाई दे तो दवाइयों की स्प्रे करे. ग्वार, बाजरा व अन्य खरीफ फसलों के लिए खेत तेयार कर उत्तम किस्मों के बीजों का प्रबंध करे व उचित नमी उपलब्ध हो तो बिजाई शुरू करे. बिजाई से पहले बीजोपचार अवश्य करे.

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