चंडीगढ़ | हरियाणा में लगातार तीन दिनों से गर्मी ने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. जींद में तापमान 42.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. वहीं, हिमाचल प्रदेश के पांच शहरों का तापमान शनिवार को 35 डिग्री के पार पहुंच गया है. ऐसे में पहाड़ भी गर्म होने लगे हैं. पंजाब के सभी शहरों के तापमान में शनिवार को 1 से 2 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है और दिन भर धूप तेज रही.
मौसम विभाग के मुताबिक, 17 से 19 अप्रैल तक पंजाब में गरज- चमक के साथ बारिश होने के आसार हैं. तूफान 30 से 40 किमी की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है. 3 दिन के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. इसका मतलब यह है कि मौसमी बदलावों के बारे में जागरूक रहना होगा. पंजाब के जिलों में अप्रैल में अधिकतम तापमान औसतन 37 डिग्री रहता है लेकिन इस बार गर्मी पड़ रही है.
इस वजह से बढ़ रहा पारा
हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि पिछले 49 वर्षों से भारत में गर्मी की लहरें बढ़ रही हैं. पिछले दशक की तुलना में हर दशक में लू की घटनाएं 0.6 गुना अधिक हुई हैं जबकि शीत लहर की घटनाओं में पिछले दशक की तुलना में हर दशक में 0.4 गुना की कमी आई है. हैदराबाद विश्वविद्यालय की अनिंदा भट्टाचार्य ने समुद्र विज्ञान का अध्ययन कर 1970 से 2019 तक 49 वर्षों तक भारत में दैनिक न्यूनतम और अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड तैयार किया. इसके लिए उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों से डेटा एकत्र किया.
Observed #Minimum #Temperature over #Punjab, #Haryana & #Chandigarh dated 16 April 2023 pic.twitter.com/q521N7PbFf
— IMD Chandigarh (@IMD_Chandigarh) April 16, 2023
फिर उनका विश्लेषण किया और बताया कि हर दशक में उच्च तापमान वाले दिनों की संख्या पिछले दशक की तुलना में अधिक बढ़ी है. देश के शुष्क और अर्ध- शुष्क जलवायु क्षेत्रों में गर्म लहरें आम हैं लेकिन शीत लहर के बहुत अधिक मामले नहीं देखे जाते हैं. लू और शीत लहर दोनों का स्वास्थ्य और कृषि पर बुरा असर पड़ता है. तापमान में वृद्धि के लिए मानवीय गतिविधियाँ भी जिम्मेदार हैं. अध्ययन में पाया गया कि औद्योगीकरण से पहले की तुलना में अब दुनिया का तापमान 1 डिग्री बढ़ गया है. इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार उद्योग, वाहन, पशुपालन जैसी गतिविधियां हैं.
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