चंडीगढ़, Haryana Weather Update | बीते सोमवार हरियाणा में आसमान साफ नीला दिखाई दिया. कहने का तात्पर्य यह है कि आसमान में बादल नही छाए. साफ आसमान की वजह से सूरज की तपती धूप देखने को मिली जिससे तापमान में कई डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी हुई. तापमान में वृद्धि होने के कारण राज्य के लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा. प्रदेश में बारिश नहीं होने के कारण दिन और रात में मौसम शुष्क बना हुआ है. सोमवार को राज्य के तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी.
राज्य के मौसम को लेकर मौसम विभाग की ओर से बड़ा अपडेट सामने आया है. मौसम विभाग की माने तो राज्य के लोगों को 3 जुलाई तक भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा. जिसके पीछे मौसम विभाग ने कारण देते हुए बताया है कि राज्य में अब पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म हो चुका है. पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से ही बीते दिनों में राज्य में आंधी तूफान के साथ हल्की बूंदाबांदी हुई थी जिससे तापमान में कमी दर्ज हुई और लोगों को गर्मी से राहत मिली. मौसम विभाग का कहना है कि राज्य में अब 3 जुलाई के बाद ही पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के बाद ही बारिश होने के आसार बन सकते हैं. जिसके बाद तापमान में भी 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट होने की संभावना है.
भारत मौसम विभाग द्वारा राज्य में मानसून बारिश के लिए परिस्थितियां अनुकूल न बनने की जानकारी पहले ही दे दी गई थी. जिससे स्पष्ट था कि राज्य में जून के महीने में मानसून बारिश नहीं होगी. इसके पीछे मौसम विभाग द्वारा यह कारण दिया गया था कि हरियाणा राज्य में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण अधिक ऊंचाई में चलने वाली पश्चिमी हवाएं बंगाल से आने वाली मानसूनी हवाओं की सक्रियता को कम कर रही है. जिससे मॉनसून हरियाणा की तरफ आने के बजाय ऊपर हिमालय की तरफ बढ़ा.
कृषि विभाग की किसानों के लिए सलाह
मौसम में नमी की अधिकता व बादलवाई लगातार रहने के कारण अगेती नरमा/कपास व सब्जियों की फसल में कीटों व रोगों का प्रकोप होने की संभावना को देखते हुए किसान भाई फसलों की लगातार निगरानी रखें. यदि प्रकोप दिखाई दे तो विश्विद्यालय की सिफारिश दवाइयों की स्प्रे करे.
सब्जियों के खेतों में आवश्यकतानुसार निराई गुड़ाई कर नमी संचित करे तथा आवश्यकतानुसार सिंचाई करे.
ग्वार, बाजरा व अन्य खरीफ फसलों के लिए खेत तेयार कर उत्तम किस्मों के बीजों का प्रबंध कर बिजाई शुरू करे. बिजाई से पहले बीजोपचार अवश्य करे.
धान की नर्सरी में आवश्यतानुसार सिंचाई व खाद प्रबन्धन अवश्य करे.
यदि नर्सरी में पीलापन आये तो 0.5% जिंकसल्फेट, 0.5% फेरससल्फेट व 2.5% यूरिया का घोल बनाकर छिडकाव करे. यह छिडकाव आवश्यकतानुसार 4-5 दिनों के अन्तराल पर दोहरायें.
धान में बकानी रोग से बचाव के लिए बचाव के लिए पनीरी को उखाड़ने से 7 दिन पहले 250 ग्राम कार्बेंडाजिम प्रति आधा कनाल नर्सरी क्षेत्र में रेत में मिलाकर पनीरी में एक सार बिखेर दें. पनीरी को खड़े पानी में ही उखाड़ें.
धान लगाने के लिए अच्छी तरह से खेत तैयार कर नमी संचित करे. यदि पानी उपलब्ध हो तो धान लगाना शुरू करे.
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