चंडीगढ़ । इस बार हरियाणा और साथी राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ ने अपना तरह कहर दिखाया की पश्चिमी पिछोर में पिछले कई सालों के रिकॉर्ड भी तोड़ दी है क्योंकि इतनी अधिक मात्रा में पश्चिमी विषय होगा निरंतर मौसम में बदलाव करना पहले कभी नहीं देखा गया है और अब आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आने वाले दिनों में गर्मी की संभावना भी अधिक बढ़ गई है. क्योंकि इस बार पश्चिमी विश्वोभ बहुत अधिक समय तक सक्रिय रहा.
मौसम विभाग की अपडेट
मौसम विभाग की अपडेट के मुताबिक आने वाले 2 दिनों में हरियाणा के कुछ स्थानों में हल्के बादल छाने और मध्यम गति से हवा चलने की आशंका जताई जा रही है. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ ने कहा कि राज्य में 15 मार्च तक मौसम सामान्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है. इस दौरान दिन के तापमान में मामूली वृद्धि हुई है लेकिन रात के तापमान में वृद्धि होने के कारण सामान्य के करीब रहने की संभावना है.इसके साथ ही 14 व 15 मार्च को प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर हल्के बादल व हल्की से मध्यम पश्चिम व उत्तर-पश्चिम हवा चलने की संभावना है.
30 डिग्री सेल्सियस पहुंचा तापमान
पिछले कुछ दिनों से गर्मी काफी बढ़ गई है. अक्सर गर्मी मार्च के दूसरे हफ्ते तक इतनी नहीं होती, लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है. पिछले 11 साल के अधिकतम तापमान को देखें तो पता चलता है कि चार साल में मार्च के पहले 10 दिनों में ही गर्मी 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गई थी. जबकि फरवरी में ही दो बार तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. जबकि इस बार मार्च के पहले 10 दिनों में ही गर्मी सामान्य रूप से बढ़ी है. जिसमें इस बार हिसार में अधिकतम तापमान 8 मार्च को 30.4 डिग्री सेल्सियस और 12 मार्च को 31.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. पिछले 11 वर्षों के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि इस बार गर्मी सामान्य रूप से आई है. लेकिन गर्मी अधिक महसूस हो रही है क्योंकि वातावरण शुष्क हो गया है. इससे तापमान भी दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. ऐसी ही स्थिति 15 मार्च तक बने रहने की संभावना है.
क्यों बन रही है यह स्थिति
बता दें कि सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण पिछले कुछ दिनों से मौसम खराब हो रहा है. नहीं तो मार्च से पहले फरवरी में ही दिन का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता.पश्चिमी विक्षोभ पिछले कुछ समय से काफी तेजी से आ रहा है. अधिकांश पश्चिमी विक्षोभ सर्दी के मौसम में आए. अब गर्मी शुरू होने के साथ ही स्थिति जस की तस बनी हुई है. अक्सर एक महीने में तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, लेकिन इस बार पांच से छह पश्चिमी विक्षोभ देखे गए हैं. इस बार और अधिक पश्चिमी विक्षोभ आ रहे हैं लेकिन बहुत सक्रिय नहीं हैं. जिससे तापमान बढ़ने पर भी यह कई गुना कम हो रहा है. पश्चिमी विक्षोभ का आना हवाओं पर निर्भर करता है. वे कभी पहाड़ों की ओर बढ़ते हैं तो कभी मैदानों की ओर. जिससे एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है.
यानी कि आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ेगी और अब लोगों को ठंड के बजाए गर्मी सताने लगेगी इस बार हमने देखा कि ठंड में भी सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, और ठंड बहुत कड़ाके की पड़ी है.मगर अब हम देख रहे हैं कि गर्मी ने भी पैर पसारना आरंभ कर दिया है, जिससे आने वाले दिनों में अब गर्मी भी बहुत अधिक बढ़ने की संभावना है..
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