करनाल | हरियाणा में पांच साल बाद फिर मौसम ने ऐसा रंग दिखाया है कि अप्रैल माह सूखा बीतने की प्रबल संभावना बन गई है. इससे पहले साल 2016 के अप्रैल महीने में भी बारिश की एक बूंद तक नहीं गिरी थी. अब पांच साल बाद फिर से वही हालात बन रहे हैं. इस समय जो मौसमी परिस्थितियां बनी हुई है, उससे आशंका जताई जा रही है कि अभी कोई पश्चिमी विक्षोभ ऐसा नहीं है जो हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में लोगों को गर्मी से राहत प्रदान कर सकें.
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर कहा है कि आने वाले 24 घंटों में दक्षिण हरियाणा के कुछ हिस्सों व दिल्ली- एनसीआर क्षेत्र में लोगों को हीट वेव का सामना करना पड़ सकता है. अधिकतम तापमान 43 डिग्री के आसपास बना रहेगा और अप्रैल माह की विदाई भीषण गर्मी के साथ होनी तय मानी जा रही है.
गर्मी से ऐसे करें बचाव
सिविल अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. ओपी सैनी ने कहा कि भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है और ऐसे में लू लगने की संभावना बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो, धूप में निकलने से बचें और यदि मजबूरी में जाना भी पड़े तो सिर पर गीला कपड़ा डालकर निकलें.
डॉ ओपी सैनी ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें. लू लगने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने के लिए अधिक मात्रा में पानी पिएं. उन्होंने कहा कि कटे-फटे फल व सब्जियों का प्रयोग न करें, इससे उल्टी व दस्त हो सकतें हैं. बासी भोजन करने से परहेज़ करें.
देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पूर्व मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आसपास के हिस्सों में निचले स्तरों पर बना हुआ है. दक्षिण-पूर्व मध्य प्रदेश पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से आंतरिक कर्नाटक तक एक टर्फ रेखा विदर्भ और मराठवाड़ा से गुजरते हुए फैली हुई है. उत्तर- दक्षिण की एक टर्फ रेखा सिक्किम से पश्चिम बंगाल तक फैली हुई है.
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