पानीपत | हरियाणा में आमतौर पर 15 सितंबर से मानसून की वापसी का सिलसिला शुरू हो जाता है, लेकिन अभी भी मानसून की सक्रियता देखने को मिल रही है. हालांकि, मानसून (Mansoon) की वापसी के संकेत जरूर मिल रहे हैं. मौसम विभाग का कहना है कि अभी मानसून की वापसी की तारीख के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. प्रदेश के अलग- अलग इलाकों में रुक- रुक कर बरसात देखने को मिल रही है. अगले 48 घंटे तक झमाझम बरसात के आसार बने हुए हैं.
मानसून वापिसी के मिल रहे संकेत
मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, तिब्बती एंटी साइक्लोन के कमजोर पड़ने के चलते यह उत्तर पूर्व भारत की ओर खिसक रहा है. दूसरी तरफ उत्तर भारत में पश्चिमी हवाओं के प्रभाव के चलते पश्चिमी राजस्थान और आसपास के मध्य पाकिस्तान क्षेत्र में एंटीसाइक्लोनिक पैटर्न बन रहा है. सूखी उत्तर- पश्चिमी हवाएं पश्चिमी राजस्थान में प्रवेश करने से वातावरण में नमी की मात्रा में कमी दर्ज की जाएगी. विशेषज्ञ ऐसा मान रहे हैं कि यह मानसून की वापसी के संकेत है.
ऐसे रहा पिछले सालों का रिकॉर्ड
अगर आंकड़ों के पर नजर डालें तो इससे पता लगता है कि पिछले कुछ सालों में मानसून की वापसी में देरी देखने को मिली है. साल 2017 के बाद साथ 2022 में सबसे जल्दी मानसून की वापसी हुई थी. इस साल 20 सितंबर को मानसून वापस लौट गया था. वहीं, साल 2021 की बात करें तो 6 अक्टूबर को सबसे देरी से मानसून वापस लौटा था. पिछले साल 2023 में 25 सितंबर को मानसून धीमी गति से वापस लौट गया था.
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