हिसार | हरियाणा में इस साल मानसून अन्य सालों के मुकाबले करीब 10 दिन अधिक सक्रिय रहा है. वहीं मानसूनी बारिश के आंकड़े भी रिकॉर्ड तोड़ रहे. प्रदेश में मानसून की वापसी को लेकर कृषि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा मौसम पूर्वानुमान जारी किया गया है.
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग अध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, मॉनसून की वापिसी आज 8 अक्टूबर को सुनिश्चित होने के बाद मौसम आमतौर पर राज्य में 14 अक्टूबर तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है. परन्तु इस दौरान एक कमजोर पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राज्य में 12 अक्तूबर रात्रि को उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में कुछ एक स्थानों पर गरजचमक व हवायों के साथ छिटपुट बूंदाबांदी होने की भी संभावना है.
मौसम विभाग के मुताबिक, हरियाणा राज्य में आज 8 अक्टूबर को दक्षिण पाश्चिमी मॉनसून की वापिसी संभावित है. जो सामान्य वापिसी (25 सितम्बर) से 13 दिन देरी से हो रही है जबकि पिछले वर्ष मानसून की वापिसी राज्य से 30 सितम्बर को हुई थी. इस वर्ष मानसून राज्य के उत्तरी हिस्से में 13 जून 2021 को प्रवेश किया परन्तु पूर्ण रूप से राज्य में 13 जुलाई को सक्रिय हुआ. भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से कहा गया कि मॉनसून पीरियड (1जून से 30 सितंबर) तक माना जाता है परन्तु मानसून 8 अक्टूबर तक रहा.
हरियाणा में मानसूनी बारिश के आंकड़े
भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से हरियाणा में मॉनसून सीजन के दौरान हुई बारिश के आंकड़े जारी किए गए हैं. जिनके अनुसार, हरियाणा राज्य में सामान्य से 30% ज्यादा बारिश दर्ज हुई है. इस दौरान राज्य में बारिश 571.3 मिलीमीटर हुई जो सामान्य बारिश 438.6 मिलीमीटर से 30 प्रतिशत अधिक दर्ज हुई है. परन्तु जुलाई में राज्य में बारिश (253.1मिलीमीटर) जो सामान्य (155.3 मिलीमीटर) से 68% ज्यादा बारिश, अगस्त मास में राज्य में बारिश 81.9 मिलीमीटर हुई जो सामान्य बारिश (157.2 मिलीमीटर) से 48 % कम हुई तथा सितम्बर में बारिश 187.5 मिलीमीटर हुई जो सामान्य 78.6 मिलीमीटर से 139% ज्यादा बारिश दर्ज की गई. अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में 9.6मिलीमीटर बारिश हुई जबकि इस सप्ताह में सामान्य बारिश 3.7मिलीमीटर ही होती है. हरियाणा राज्य में मानसून की बारिश वर्ष 2003 (620 मिलीमीटर) के बाद सबसे अधिक बारिश इस वर्ष 2021 में 571.3 मिलीमीटर दर्ज की गई है.
इन पांच राज्यों में हुई सबसे अधिक बारिश
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अध्ययन के मुताबिक, इस वर्ष मॉनसून की सबसे अधिक बारिश राज्य के पांच जिलों में सामान्य से बहुत अधिक जिनमें झज्जर (102% अधिक ), फतेहाबाद (89% अधिक), सोनीपत (84% अधिक), कैथल (80% अधिक) व हिसार (79%अधिक) बारिश दर्ज की गई जबकि 9 जिलों में सामान्य से ज्यादा, 6 जिलों में सामान्य बारिश परन्तु दो जिलों पंचकूला (44%कम) व अम्बाला (30% कम) तथा राजधानी चंडीगढ़ में (29% कम) सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई.
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