चंडीगढ़ । हरियाणा के लोगों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि हरियाणा में इस बार मानसून में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है. साथ ही किसानों को भी फायदा होगा.
इन राज्यों में अच्छी होगी बारिश
मौसम विभाग ने अपने अनुमान में कहा है कि 96 से 104 फीसदी बारिश सामान्य कहा जाता है. यानि कि इस रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में अच्छी बारिश होगी. इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. ऐसे में यहां के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है.
यहां होगी कम बारिश
जबकि राजस्थान और गुजरात में सामान्य से कम बारिश का अनुमान जताया गया है. नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में भी कम बारिश होने की संभावना है. केरल और कर्नाटक में भी जुलाई-अगस्त में जलप्रपात सामान्य से काफी नीचे है. वहीं, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए मॉनसून अच्छा रहेगा और उम्मीद के मुताबिक बारिश होगी.
हरियाणा के किसानों के लिए अच्छा रहेगा मानसून
इस अनुमान के मुताबिक इस साल मानसून किसानों और कृषि से जुड़े लोगों के लिए काफी अच्छा हो सकता है. इसकी वजह यह है कि शुरुआती दौर में मानसून के अच्छे रहने की उम्मीद है. बुवाई के दौरान बारिश के कारण किसानों के लिए यह बहुत अच्छा समय होगा. मौसम विभाग के मुताबिक हर साल मानसून के आने और जाने में काफी उतार-चढ़ाव होता है. यह पहला अनुमान चार महीने के लंबे सत्र में प्रारंभिक मूल्यांकन के लिए पर्याप्त है.
ऐसे रहेगा बारिश का औसत
जून: लंबी अवधि की औसत वर्षा (एलपीए) औसत 166.9 मिमी के मुकाबले वर्षा 107 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. इस महीने सामान्य बारिश की संभावना 70 फीसदी है. 20 प्रतिशत संभावना है कि अपेक्षा से अधिक बारिश होगी और 10 प्रतिशत संभावना है कि सामान्य से कम बारिश होगी.
जुलाई: एलपीए के 285.3 मिमी के बराबर बारिश होने की संभावना है. सामान्य वर्षा की संभावना 65 प्रतिशत है जबकि सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना 20 प्रतिशत है. सामान्य से कम बारिश की 15 प्रतिशत संभावना है.
अगस्त: इस महीने के लिए एलपीए का अनुमान 258.2 मिमी और बारिश 95 प्रतिशत तक है.सामान्य वर्षा की 60 प्रतिशत संभावना है जबकि सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना 10 प्रतिशत है. इस महीने सामान्य से कम बारिश की संभावना 30 प्रतिशत है.
सितंबर: 170.2 मिमी एलपीए के मुकाबले 90% तक बारिश की उम्मीद है. इस महीने सामान्य से कम बारिश की 70 प्रतिशत संभावना है. सामान्य वर्षा की 20 प्रतिशत संभावना है जबकि सामान्य से कम वर्षा होने की 10 प्रतिशत संभावना है.
कैसे जारी होता है मानसून पूर्वानुमान
बता दें कि 2003 के बाद से, दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम (जून-सितंबर) के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) देश भर में औसत वर्षा के लिए दो चरणों में लंबी दूरी के पूर्वानुमान जारी कर रहा है. प्रथम चरण पूर्वानुमान अप्रैल में जारी किया जाता है और दूसरा चरण या अद्यतन पूर्वानुमान मई के अंत तक जारी किया जाता है.
वहीं पिछले साल, आईएमडी ने पूरे देश के लिए मौजूदा दो-चरणीय पूर्वानुमान रणनीति को संशोधित किया. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून वर्षा के लिए मासिक और मौसमी पूर्वानुमान जारी करने के लिए नई रणनीति लागू की गई है. यह नई रणनीति आईएमडी की मौजूदा सांख्यिकीय पूर्वानुमान प्रणाली के अनुरूप है. इन पूर्वानुमानों को उत्पन्न करने के लिए विकसित मल्टी-मॉडल एन्सेम्बल (MME/MME) पूर्वानुमान प्रणाली का उपयोग किया जाता है.
ला नीना की कैसी है स्थिति
भूमध्यरेखीय प्रशांत और हिंद महासागरों में समुद्री सतह का तापमान (एसएससी/एसएसटी) स्थितियां वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में ला नीना की स्थिति बनी हुई है.नवीनतम MMCFS/MMCFS के साथ-साथ अन्य जलवायु मॉडल पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि ला नीना मानसून के मौसम के दौरान स्थिति जारी रहने की संभावना है.
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