हरियाणा में अब होगी झमाझम बारिश, मानसून ने दी दस्तक; समझे अब क्या रहेगा मौसम का हाल

चंडीगढ़ | हरियाणा का मौसम बदलता हुआ नजर आ रहा है. इस साल लगातार मौसम की गड़बड़ी और चक्रवात बिपोर्जॉय के कारण पहले हरियाणा और पंजाब तक मानसून के आने में देरी की आशंका थी लेकिन बंगाल शाखा के सक्रिय होने के बाद मानसून ने नई गति पकड़ ली है. अब मानसून के असर से प्रदेश में दो दिनों तक हल्की बारिश होगी. तापमान में भी चार से छह डिग्री सेल्सियस की गिरावट आयेगी. इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.

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आगे ऐसा रहेगा मौसम

मौसम विभाग के मुताबिक, 27 और 28 जून को बारिश थोड़ी धीमी हो जाएगी लेकिन इसके तुरंत बाद मॉनसून का आवरण हरियाणा समेत पूरे उत्तर भारत पर छा जाएगा. इस बीच शनिवार को राज्य में सबसे अधिक तापमान झज्जर में 43.8 डिग्री सेल्सियस और पंचकुला में न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

बता दें कि इस वर्ष जनवरी से ही मौसम परिवर्तनशील है. मई- जून में जहां पश्चिमी विक्षोभ के सिलसिले के कारण लू की स्थिति महसूस होती थी. वहीं, इस बार इन महीनों में भी तापमान सामान्य रहा. लोगों को गर्मी से राहत मिली और नौतपा में भी गर्मी ने परेशान नहीं किया. मानसून आमतौर पर 18 से 20 जून के बीच उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में प्रवेश करता है. 25 से 30 जून तक पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के पहाड़ी राज्यों को कवर करता है.

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इस वजह से हुई देरी

इस साल मौसमी उथल- पुथल और चक्रवात बिपोर्जॉय के कारण पहले तो मानसून के आगमन में करीब दस दिन की देरी हुई थी लेकिन अब बंगाल शाखा के सक्रिय होने के बाद मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है. पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी 26 जून तक अच्छी बारिश होगी. हरियाणा के ऊपर मौजूद ट्रफ से विकसित मौसम प्रणाली के कारण कई इलाकों में अच्छी बारिश होगी. अरब सागर में बने सर्कुलेशन के कारण कई राज्यों में बारिश की गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं.

29 जून को मानसून होगा कवर

उत्तर पश्चिम भारत के पहाड़ी इलाकों में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले तीन दिनों के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. 27 और 28 जून को इसमें आंशिक कमी आ सकती है. उसके बाद, बारिश की गतिविधियां फिर से तेज हो जाएंगी जबकि मैदानी इलाकों में पंजाब और हरियाणा में दक्षिण- पश्चिम मानसून के प्रभाव के कारण 25 और 26 जून को भारी बारिश की प्रबल संभावना है.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी अच्छी बारिश होगी. येलो अलर्ट भी जारी किया गया है. 27 और 28 जून को हरियाणा और पंजाब में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है. इसके बाद, इन इलाकों में मानसून पूरी तरह से अपना प्रभाव जमा लेगा.

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पिछले पांच साल में मानसून का आगमन

2022- पिछले साल जून में धीमी गति के बावजूद मानसून ने औसत बारिश दर्ज की थी. जल्दी शुरू होने के बावजूद, मानसून की गतिविधि कम थी. जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून ने हरियाणा में प्रवेश किया.

2021- इस साल भी दक्षिण- पश्चिम मानसून हरियाणा में देर से पहुंचा. जून के अंत तक इसने हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों को कवर कर लिया. उत्तर पश्चिम भारत में पश्चिमी दिशा से लगातार चल रही शुष्क हवाओं के कारण ऐसा हुआ. 7 जुलाई के बाद इसने हरियाणा और आसपास के इलाकों में दस्तक दी.

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2020- इस साल मानसून पूरे देश में जून के अंत में यानी आम तौर पर अपेक्षित तारीख 8 जुलाई से 12 दिन पहले पहुंच गया. इससे पहले 2013 में ऐसी स्थिति बनी थी जब मानसून 16 जून को ही पूरे देश में पहुंच गया था.

2019- इस साल जून में मानसून हरियाणा के लोगों को तरसाता रहा. हालांकि, बीच- बीच में प्री- मानसून बारिश का दौर जारी रहा. 8 जुलाई के आसपास दक्षिण- पश्चिम मानसून के आगमन के साथ ही अच्छी बारिश होने से लोगों को राहत मिली.

2018- इस साल जून के अंत तक प्री- मॉनसून बारिश का सिलसिला अच्छे स्तर पर जोर पकड़ चुका था. जुलाई महीने के पहले ही दिन मानसून ने हरियाणा और आसपास के राज्यों में दस्तक दे दी थी.

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