हिसार । उत्तर भारत में बने मौसमी वेस्टर्न डिस्टरबेंस सिस्टम व पछुआ हवाए और बंगाल की खाड़ी में आने वाली पूर्वी हवाओं के मेल की वजह से हरियाणा के कई हिस्सों में बरसात हुई. कई हिस्सों में बारिश मध्यम तो कई हिस्सों में बारिश तेज हुई. सोमवार को भी आसमान में बादल छाए रहे. बता दें कि उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर बर्फबारी हो रही है जिसकी वजह से अभी से गुलाबी ठंड का एहसास होने लगा है. शीत ऋतु का आगमन भी शुरू हो गया.
बारिश के कारण अभी से महसूस हो रही है ठंड
वही परिवर्तनशील मौसम की वजह से किसानों की समस्याएं बढ़ सकती है . इस समय हजारों क्विंटल धान मंडियों में खुले मे पड़े हैं. वहीं कई खेतों में कटाई का कार्य चल रहा है. ऐसे में अगर अधिक बारिश होती है तो वह किसानों की फसलों को बर्बाद कर सकती है. फसल में नमी आ जाने की वजह से भी फसल सुखाने का इंतजार करना पड़ेगा. वहीं कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वह खेतों में खुले में रखे फसलों को बारिश से बचाने का उचित प्रबंध करें. वही राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि वर्तमान में मौजूद सक्रिय मौसम प्रणाली की वजह से अभी लगातार मौसम परिवर्तनशील बना रहेगा.
- करनाल 8mm
- करनालNDRI 6mm
- नारायणगढ़, अम्बाला 6mm
- पंचकूला Aws 5mm
- रोहतकaws 5mm
- चण्डीगढ़ 4mm
- कुरुक्षेत्र 3mm
- फतेहाबाद 2mm
- हिसार 2mm
- नारनौल 2 /3 mm
- महेंद्रगढ़ 2mm
- बालसमंद,हिसार 1mm
- भिवानी 1mm