चंडीगढ़ । मौसम विभाग की ओर से मौसम के संबंध में बड़ी अच्छी खबर आ रही है. मौसम विभाग के अनुसार इस बार आने वाला मानसून सामान्य मानसून होगा. भारत में 75% से अधिक वर्षा करने वाला दक्षिणी पश्चिमी मानसून इस वर्ष सामान्य स्थिति में रहने की संभावना है. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष 5% अधिक या कम के अंतर से दीर्घावधि औसत के हिसाब से 98% वर्षा होगी.
शुक्रवार जून से सितंबर तक वर्षा का पूर्वानुमान पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने जारी किया है. उनके अनुसार असम, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है. इसके साथ ही देश के बाहरी हिस्सों में नॉर्मल या इससे ज्यादा वर्षा होने की संभावना है. इस बार मानसून एलपीए का 98 प्रतिशत होगा. वर्षा नॉर्मल रहेगी. यह एक बहुत अच्छी खबर है. इससे भारतीय कृषि क्षेत्र में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे.
यह प्रथम अवसर होगा जब मौसम विभाग के स्थानिक विवरण के बेसिस पर विशिष्ट मानसून पूर्वानुमान जारी किया गया है. राजीवन के अनुसार आईएमडी अगले 4 माह के दौरान हर माह मौसम का पूर्वानुमान जारी करेगा. आईएमडी के 4 प्रभागों दक्षिणी प्रायद्वीप, पूर्वोत्तर मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर पश्चिमी भारत के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी किया जाएगा. बीते दो मॉनसून में भारत में नॉर्मल से ज्यादा वर्षा हुई है. एपीएल 1961 से 2010 के बीच भारत में वर्षा का औसतन आंकड़ा 88 सेंटीमीटर है.
राजीवन के अनुसार अल नीनो और ला निना कारक भारतीय मानसून पर मुख्य रूप से अपना प्रभाव डालते है. इस बार अल नीनो के बनने की कम संभावनाएं हैं. राजीवन ने कहा कि कुछ वर्षों में ला नीना के पश्चात के वर्ष में आमतौर पर नॉर्मल बारिश का मौसम देखा गया है. कुछ दिनों पहले ही निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर ने भी इस बार मानसून के नॉर्मल रहने की बात कही थी.
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