हिसार । कल दोपहर बाद हुई हल्की बारिश ने पिछले कई दिनों से गर्मी झेल रहे लोगों को राहत देने का काम किया है. बारिश ने मौसम को सुहावना बना दिया है. मौसम वैज्ञानिकों ने शनिवार को भी बारिश का अंदेशा जताया है.
मौजूदा बारिश पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव और राजस्थान के उपर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण हुई है. बारिश के कारण हिसार में रात का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस घटकर 16.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. वहीं 1.4 मिलीलीटर बारिश दर्ज की गई है. इस बारिश ने मंडियों में ही नहीं अपितु खेतों में भी गेहूं की फसल को भिगोने का काम किया है.
20 अप्रैल तक मौसम रहेगा खुश्क
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मदन खिचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव व राजस्थान के उपर बनने वाले साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से यह बारिश हो रही है. राज्य में 17 अप्रैल को तथा बाद में 20 अप्रैल को बादलवाई रहने, बीच-बीच में तेज हवाएं चलने तथा कहीं-कहीं बुंदाबांदी होने की संभावना है.
किसान इन बातों का रखें ध्यान
- गेहूं की कटी हुई फसल के बंडल अच्छी तरह से बांधे ताकि तेज हवाओं से उड़ ना सके.
- गेहूं व सरसों की फसल को बेचने के लिए मंडी ले जाते समय तिरपाल आदि का प्रबंध अपने साथ अवश्य रखें.
- तेज हवाएं व बारिश की संभावना को देखते हुए गेहूं की तुड़ी को सुरक्षित स्थान पर ढक्कर रखें.
- कपास की बिजाई करते समय बदलते मौसम को ध्यान में रखें. खेतों की नमी को संरक्षित करें व बिजाई रोक लें.
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य रेखा क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य -उष्णकटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमी तौर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है. भारतीय उपमहाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बारिश के रूप में बदल जाती है.
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