मौसम विभाग ने जारी किया भीषण गर्मी का अलर्ट, जानें मानसून को लेकर क्या है स्थिति

करनाल | पिछले कुछ दिनों के दौरान उत्तर- पश्चिमी भारत के कई हिस्सों में प्री-मानसून की बारिश ने लोगों को भीषण गर्मी से राहत प्रदान की लेकिन अब इन वर्षा गतिविधियों के पीछे हटने की उम्मीद जताई जा रही है जिससे उत्तर भारत में पारा बढ़ेगा और लोगों को फिर से भीषण गर्मी सताएगी.

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पहाड़ी क्षेत्रों में जो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ था वह भी अब दूर होता जा रहा है. इसके परिणामस्वरूप तलहटी और दिल्ली- एनसीआर के कुछ हिस्सों में भी बारिश हुई लेकिन अगले 24 घंटों के बाद, तलहटी पर गतिविधि भी गायब हो जाएगी. बारिश की गतिविधियां दूर होने से आसमान साफ रहेगा और धूप तेज होने से तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी. यानि यह तय है कि हीट वेव फिर से लोगों को झुलसाने वाली है.

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अभी प्री- मानसून गतिविधि की कोई उम्मीद नहीं

मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में प्री- मानसून की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. हवा की रफ्तार बढ़ने से तापमान में बढ़ोतरी होने से लू की स्थिति बनेगी. 4 जून के आसपास दिल्ली एनसीआर- क्षेत्र के आसपास काफी तेज रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, जिससे अधिकतम तापमान में और अधिक बढ़ोतरी होगी. उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है तो कुछ क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है.

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देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम

मौसम विभाग का कहना है कि अगले 2-3 दिनों के दौरान मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, कर्नाटक के कुछ हिस्सों, कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और उत्तर पूर्वी राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी रहेगी.

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मौसम विभाग ने बताया कि हरियाणा और आसपास के इलाकों में सर्कुलेशन निचले स्तर पर बना हुआ है. एक टर्फ रेखा हरियाणा पर बने चक्रवाती परिसंचरण से लेकर दक्षिण उत्तर प्रदेश, दक्षिण बिहार, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तक फैली हुई है.

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