पानीपत । हवा की रफ्तार बढ़ने से प्रदुषण तो छंटना शुरू हो गया लेकिन इसके साथ ही प्रदेश में ठंड का अहसास होना भी शुरू हो गया है. तापमान सिंगल डिजिट में दर्ज किया जा रहा है. मौसम वैज्ञानियों ने बताया कि अब तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जाएगी. रात्रि तापमान दिसंबर माह की शुरुआत तक 7.0 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जा सकता है. हालांकि पिछले कुछ दिनों से ,देश के उत्तरी हिस्सों में न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हुई है . ये स्थितियां कमजोर पश्चिमी विक्षोभ और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में चलने वाली पूर्वी दक्षिण पूर्वी हवाओं के कारण आर्द्रता में वृद्धि के कारण हैं.
उत्तर भारत में चल रही है सर्द हवाएं
24 नवंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय के पास पहुंचने की संभावना है. इसके कारण उत्तर भारतीय क्षेत्र में ठंडी हवाएं चल रही है. अब दिल्ली से लेकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तक उत्तर भारत की पहाड़ियों पर एक महत्वपूर्ण मौसम प्रणाली की अनुपस्थिति के साथ न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी.
देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम
पश्चिम मध्य और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम अरब सागर पर बना गहरा कम दबाव का क्षेत्र कमजोर होकर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैल रहा है. अरब सागर के ऊपर कम दबाव के क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण से एक ट्रफ रेखा उत्तरी महाराष्ट्र तट तक फैली हुई है. बंगाल की खाड़ी से सटे दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. कल तक इसके प्रभाव से एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है और यह पश्चिम उत्तर पश्चिम में तमिलनाडु तट की ओर बढ़ जाएगा.
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