यमुनानगर | हरियाणा के यमुनानगर के एक प्राइवेट स्कूल में उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब चोटी रखकर व तिलक लगाकर स्कूल पहुंचे छात्रों को वहां के एक टीचर ने एसिड से साफ करने की धमकी दे डाली. घबराएं छात्रों ने पूरी बात घर जाकर बताई तो परिजनों ने टीचर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए स्कूल में जमकर हंगामा किया. बाद में स्कूल प्रबंधन के माफी मांगने पर मामला ठंडा हुआ.
परिजनों ने बताया कि उनके बच्चे डीएवी पब्लिक स्कूल में कक्षा 11वीं व 12वीं में पढ़ते है. स्कूल में मैडम बच्चों को चोटी रखने व तिलक लगाकर आने की वजह से प्रताड़ित कर रही थी और धमकी देते हुए कहा कि दोबारा तिलक लगाकर स्कूल पहुंचे तो इसे तेजाब से साफ कर दिया जाएगा. परिजनों को इस बात का पता चला तो उन्होंने इस पूरे मामले से मां भारती जन जागृति फाउंडेशन के सदस्यों को अवगत कराया.
फाउंडेशन के सदस्यों के साथ परिजन स्कूल पहुंचे और स्कूल प्रबंधन व दोषी मैडमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. हालात बिगड़ते देख स्कूल प्राचार्य ने इन लोगों को बातचीत के लिए आफिस बुलाया. यहां लोगों ने कहा कि चोटी रखना भारतीय संस्कृति का प्रतीक है.
लोग अपने बच्चों को इसलिए स्कूल भेजते हैं कि वे अपनी संस्कृति और परंपरा से जुड़े रहे और स्कूलों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे छात्रों को उनकी संस्कृति के प्रति जागरूक करने व उनका पालन करने के लिए प्रेरित करें लेकिन स्कूल में इसका उल्टा हो रहा है. ऐसे में स्कूल प्रबंधन ने अपनी ग़लती स्वीकार की और भविष्य में इसे न दोहराने का आश्वासन देकर परिजनों को संतुष्ट किया.
वहीं, इस मामले को लेकर डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल वीके कासिव ने कहा कि स्कूल किसी के धर्म, आस्था, विचार व अभिव्यक्ति की आजादी का विरोध नहीं करता है. बच्चों को चोटी बड़ी होने पर उसे बांधने और तिलक ठीक ढंग से लगाने के लिए कहा गया था. तेजाब से तिलक मिटाने के आरोप बेबुनियाद है. फिलहाल, परिजनों से बातचीत के बाद मामले को निपटा लिया गया है.
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