यमुनानगर | हरियाणा की मनोहर सरकार सूबे में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुनियादी ढांचा मजबूत करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में यमुनानगर जिले में बनने वाले गुरु तेगबहादुर राजकीय मेडिकल कालेज को अमलीजामा पहनाने की तैयारियां शुरू हो गई है. बता दे मुख्यमंत्री मनोहर लाल 25 सितंबर को इस कालेज भवन का शिलान्यास करेंगे और इसके बाद भूमि पूजन कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. सीएम के कार्यक्रम को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट मोड में दिखाई दे रहा है.
2021 में हुई थी घोषणा
बता दें कि यमुनानगर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण करने की घोषणा साल 2021 में हुई थी और इसके पश्चात 5 जून, 2022 को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा इस मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास पंचकूला में किया गया था. अब पांजूपुर में जिस जगह पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण होना है. वहां पर साफ- सफाई कर दी गई है और मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च विभाग की टीम भी इस जगह का निरीक्षण कर चुकी हैं.
997 करोड़ रुपए होंगे खर्च
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 29 मई, 2022 को इस मेडिकल कॉलेज का नामकरण “गुरु तेगबहादुर राजकीय मेडिकल कालेज” के नाम से करते हुए इसकी स्थापना के लिए DPR तैयार करने को मंजूरी प्रदान की थी. बता दे इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण पर 997 करोड़ रूपए खर्च होंगे.
इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए ब्रिज एंड रूफ कंपनी लिमिटेड नामक कार्यकारी एजेंसी को नियुक्त किया गया है. मेडिकल कालेज के लिए 21 सितंबर 2021 को चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग और कार्यकारी एजेंसी के बीच MoU भी साइन हो चुका है.
पांजूपुर में अधिग्रहित की गई जमीन
यमुनानगर जिले में प्रस्तावित इस मेडिकल कॉलेज के लिए शुरुआत में सेक्टर 22-23 में अधिग्रहित जमीन को चिह्नित किया गया था. यह जमीन HSVP विभाग की थी जिसके लिए सरकार को भुगतान करना था. लेकिन, सरकार ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए निशुल्क जमीन तलाशने का आदेश जारी किया.
इसके बाद, पांजूपुर व रूलाखेड़ी में जमीन चिह्नित की गई और पांजूपुर की जमीन को सबसे उपयुक्त माना गया क्योंकि मेडिकल कालेज के लिए जमीन सिविल अस्पताल से 10 किलोमीटर के क्षेत्र में होनी चाहिए थी और करीब 10 एकड़ पंचायती जमीन चाहिए थी. इस हिसाब से पांजूपुर की जमीन एकदम सटीक बैठ रही थी. मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च की टीम द्वारा इस जमीन का निरीक्षण करने के बाद इसे विभाग के नाम ट्रांसफर किया जा चुका है.
साथ लगते राज्यों को भी मिलेगा फायदा
इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण से यमुनानगर और आसपास के जिलों ही नहीं बल्कि साथ लगते उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों को भी लाभ मिलेगा. आज भी यूपी के सहारनपुर से बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए यमुनानगर पहुंचते हैं.
इसके अलावा, मेडिकल कॉलेज के निर्माण से स्थानीय सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा होगा. मेडिकल कालेज का निर्माण शुरू होने के साथ ही प्रथम सत्र के लिए MBBS की कक्षा सिविल अस्पताल की बिल्डिंग में संचालित की जा सकती है.
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