लहसुन के भाव से हैरत में किसान, अभी और कीमत गिरने की संभावना

यमुनानगर । लहसुन की लगातार गिरती कीमतों ने उत्पादक किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी है. बीते साल जहां इन दिनों कीमत 60-70 रुपए प्रति किलो थी, वहीं अब की बार लहसुन 30-35 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. हालांकि अभी सीजन की शुरूआत हैं लेकिन आने वाले दिनों में आवक बढ़ने पर कीमतों में और अधिक गिरावट देखने को मिल सकती है. बता दें कि पिछले साल अच्छी कीमत मिलने से इस बार लहसुन की खेती का रकबा बढ़कर करीब दोगुना हो गया.

garlic lahsun

बड़े स्तर पर की जा रही है खेती

जिलें में लहसुन की खेती का रुझान इतना है कि भूमिहीन किसान भी ठेके पर जमीन लेकर लहसुन की खेती कर रहे हैं. एक किसान कई-कई एकड़ भूमि पर लहसुन की बिजाई किए हुए हैं. ऐसे किसानों की संख्या भी बहुत है जिन्होंने गन्ने की फसल के साथ लहसुन उगाई हुई है.

2 साल पहले लहसुन की कीमत ने 100 रुपए प्रति किलो का आंकड़ा पार किया था और किसानों को फसल बेचने के लिए दूरदराज की मंडियों में भी धक्के नहीं खाने पड़े थे लेकिन इस साल हालात एकदम से पलटे हुए हैं क्योंकि कीमतों में भारी गिरावट दर्ज हों रही है और ना ही खरीदार मिल रहे हैं. कीमत में गिरावट का असर किसानों के चेहरों पर साफ नजर आ रहा है.

बारिश के कारण पैदावार घटी

किसानों का कहना है कि एक एकड़ में लहसुन की फसल तैयार करने में करीब 50 हजार रुपए खर्च हो जाता है. एक एकड़ भूमि पर 35-40 क्विंटल पैदावार हो जाती है लेकिन इस बार पिछले दिनों हुई बेमौसमी बारिश ने पैदावार को तो प्रभावित किया ही है, साथ ही रेट भी बहुत कम मिल रहा है.

जिन किसानों ने ठेके पर जमीन लेकर लहसुन की खेती की है, उन्हें बहुत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है क्योंकि प्रति एकड़ जमीन का ठेका 50 हजार रुपए तक है.

वहीं इसके साथ लोकल मंडियों में मांग कम होने के चलते किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दिल्ली, चंडीगढ़ व देहरादून जैसे शहरों में जाना पड़ता है. इससे किसानों को ट्रांसपोर्ट का खर्च भी वहन करना पड़ रहा है और ना ही समय पर फसल बिक पा रही है.

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