यमुनानगर । केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन, अब आग की तरह हरियाणा में तेजी से फैल रहे है. पहले किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र दिल्ली की सीमाएं थी, अब हरियाणा के फतेहाबाद का टोहाना इसका मुख्य केंद्र बनने लगा है. एक जून को जेजेपी विधायक देवेंद्र सिंह बबली के द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को दी गई गालियां और दो किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद से करीब दो दिन से टोहाना थाने का घेराव किसानों द्वारा किया गया है. किसानों द्वारा टोहाना थाने इलाके में स्थाई तंबू गाड़कर रहने की व्यवस्था भी की जा रही है. धीरे-धीरे टोहाना हरियाणा के अंदर किसान आंदोलन का केंद्र बनता नजर आ रहा है.
इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बड़ा बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने मुख्य रूप से कहा है कि आज यानी सोमवार को किसानों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से शाम 4:00 बजे तक हरियाणा के सभी थानों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा. एसकेएम द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक धरना देने के पीछे मुख्य कारण पुलिस द्वारा उनके दो किसान नेता रवि आजाद और विकास सीसर को रिहा नहीं करना है. कुछ ही दिन पहले हरियाणा पुलिस द्वारा इन दो किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया था.
एसकेएम ने अपना बयान जारी करते हुए यह भी कहा कि टोहाना में दूसरे दिन रविवार को भी प्रशासन और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच गतिरोध जारी रहा. प्रशासन और किसानों के बीच सहमति न बनने के कारण किसानों ने टोहाना पुलिस स्टेशन में ही रात गुजारी. हालांकि जेजेपी विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने शनिवार रात ही अपना बयान वापस ले लिया था.
संयुक्त किसान मोर्चा का साफ तौर पर कहना है कि वह टोहाना पुलिस स्टेशन से तब तक नहीं हटेंगे, जब तक उनके दोनों गिरफ्तार किसान नेताओं को रिहा नहीं किया जाता है. एसकेएम ने हरियाणा के सभी नागरिकों से अपील की है कि वे सोमवार को अपने स्थानीय पुलिस थानों में विरोध प्रदर्शन करें. वही सिरसा, फतेहाबाद, जिंद और हिसार के किसानों से संयुक्त किसान मोर्चा ने विशेष रुप से टोहाना पुलिस स्टेशन में पहुंचने की अपील की है. जिससे किसान नेता सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन करना चाहते हैं.
हरियाणा राज्य के भीतर किसानों के इस धरना प्रदर्शनों का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं गुरनाम सिंह, राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, युद्धवीर सिंह, जोगिंदर नैन, सुरेश कोठ के द्वारा किया जा रहा है. वही दिल्ली की सीमाओं टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर में भी किसान फिर से गाड़ी लेकर पहुंचने लगे हैं. किसानों का प्रदर्शन स्थलों में फिर से भारी मात्रा में पहुंचने से किसान आंदोलन को तेजी से गति मिलने लगी है.