यमुनानगर । मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर दी जाने वाली जानकारियां फसल की खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने हेतु सेटेलाइट से वेरीफाई होगी. किसानों को खेतों में खड़ी फसलों का विवरण पोर्टल पर देना होगा. यदि डाटा का सही मिलान नहीं हुआ तो रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा. इसकी वजह से किसानों को अपनी फसलें बेचने में परेशानी आएगी. सेटेलाइट के तरीके ई-गिरदावरी व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी भी वेरिफिकेशन करेंगे.
जानिए कहां पर कितना क्षेत्र है रजिस्टर्ड
- अंबाला – 131218.02 एकड़
- भिवानी – 273859.44
- चरखीदादरी 94156.85
- फरीदाबाद 9345.29
- फतेहाबाद 148655.85
- गुरुग्राम 61878.17
- हिसार 196320.28
- झज्जर 156079.05
- जींद 73048.53
- कैथल 177393.61
- करनाल 288612.86
- कुरुक्षेत्र 194172.81
- महेंद्रगढ़ 234268.61
- मेवात 97330.88
- पलवल 119711.59
- पंचकूला 21663.81
- पानीपत 39957.99
- रेवाड़ी 171840.01
- रोहतक 70229.59
- सिरसा 131396.31
- सोनीपत 34275.05
- यमुनानगर 153110.76
सरकार ने लिया यह फैसला
केवल उसी किसान की फसल मंडियों में बिक पाएगी जिस किसान की फसल का ब्योरा पोर्टल पर रजिस्टर्ड होगा. सीजन में अन्य राज्यों की अपेक्षा हरियाणा की मंडियों में गेहूं की आवक बहुत ज्यादा रहती है. विशेष रुप से उत्तरप्रदेश की धान यमुना से सटे क्षेत्रों की मंडियों में आती है. उत्तर प्रदेश में दाम कम होने की वजह से यहां की मंडियों में फसलें बेची जाती है. व्यापारी भी किसानों की आड़ में यह धंधा करते हैं. इसलिए ऐसी परिस्थितियों में फर्जी रजिस्ट्रेशन का होना स्वभाविक ही है. इसलिए क्रॉस वेरिफिकेशन का फैसला लिया गया है. आगामी योजना का निर्धारण आंकड़ों के बेस पर किया जाएगा.
पोर्टल पर देना होगा फसलों का सही ब्यौरा
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ जसविंदर सैनी ने कहा है कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर सभी किसानों को अपनी फसलों का ब्यौरा देना अनिवार्य है. केवल उसी किसान की फसल मंडियों में खरीदी जाएगी जिस की फसल का ब्योरा पोर्टल पर दर्ज होगा. उन्होंने किसानों से कहा कि फसलों का ब्यौरा सही-सही दें ताकि पारदर्शिता बनी रहे. सरकार की ओर से सेटेलाइट के जरिए भी वेरिफिकेशन का फैसला लिया गया है.
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