यमुनानगर । जमाने के तानों के डर से जगाधरी की एक कॉलोनी में नौ महीने की गर्भवती बिन ब्याही युवती ने क्वार्टर में बने शौचालय में खुद ही अपनी डिलीवरी कराईं. इसके बाद नवजात शिशु को शौचालय की छत पर रख दिया. डिलीवरी के पश्चात युवती की हालत बिगड़ने पर वह बेहोश हो गई . युवती को नानी सिविल अस्पताल लेकर पहुंची जहां डाक्टरों ने जांच के बाद बताया कि उसकी डिलीवरी हुईं है.
पड़ोसी ने बारिश में भिगता देखा बच्चा
आसपास के लोगों को बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दे रही थी. लोगों ने शौचालय की छत पर बच्चा दिखा तो उसे तुरंत हस्पताल में दाखिल करवाया. बच्चा बारिश में भीगा हुआ था. हालांकि बच्चे की हालत अभी ठीक बताई जा रही है लेकिन फिर भी ऐतिहात के तौर पर नवजात शिशु को पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया है. चाइल्ड हेल्पलाइन की निदेशक डॉ अंजू वाजपेई ने हस्पताल व डिलीवरी वाली जगह का मुआयना किया.
चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम को हस्पताल में जांच के दौरान पता चला कि सुबह के समय एक महिला अपनी दोहती को लेकर हस्पताल आई थी. वह बेहोशी की हालत में थी. जांच के दौरान सामने आया कि इस लड़की की डिलीवरी हुईं है. इसके बाद सिलसिलेवार तरीके से जांच आगे बढ़ती चली गई और पता चला कि शौचालय की छत पर जो बच्चा मिला था,वह इस युवती का है.
नानी के घर आई हुई थी युवती
चाइल्ड हेल्पलाइन की निदेशक डॉ अंजू वाजपेई ने बताया कि युवती रविवार की शाम मुखर्जी पार्क में अपनी नानी के घर आ गई थी. जिस इलाके में उसकी नानी रहतीं हैं वहां बड़ी संख्या में मजदूरों के रहने के लिए क्वार्टर बनें हुए हैं. वहां पर जांच के दौरान कुछ महिलाओं ने बताया कि रात को युवती बार-2 शौचालय के चक्कर काट रही थी .रात के समय युवती करीब डेढ़ घंटे तक शौचालय में रहीं.
अभी तक की जांच में यह बात निकलकर सामने आई है कि युवती ने अपनी डिलीवरी खुद ही की थी. इसके बाद बच्चे को कपड़े में लपेटकर शौचालय की छत पर रखकर नानी के घर पर आ गई. सुबह जब वह बेहोश मिली तो नानी उसे हस्पताल लेकर आई.
घटना के बाद से पूरा परिवार लापता
मां-बेटे का पता चलने के बाद पुलिस ने उसकी नानी, मां व भाई को पूछताछ के लिए बुलाया. परिजनों ने कहा कि युवती की उम्र 18 वर्ष से अधिक है. हालांकि परिजन उम्र सत्यापन हेतु कोई दस्तावेज नहीं दिखा सकें. दोपहर को कार्यवाही के डर से पूरा परिवार घर को ताला लगाकर कहीं चलें गए. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर तलाश करने की कोशिश की, परंतु नाकामयाब रहे. उन्होंने कहा कि इस मामले में सीडब्ल्यूसी से बात की जाएगी.
बच्चा पीजीआई रेफर
वहीं मामले की जांच कर रहे शहर थाना प्रभारी एएसआई राजेंद्र ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि युवती ने बच्चे को जन्म देने के पश्चात मरने के लिए शौचालय की छत पर छोड़ दिया था. फिलहाल बच्चे को बेहतर इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया है.
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