पंचकुला । प्रदेश में परिवहन विभाग को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.हरियाणा रोडवेज लॉक डाउन के कारण आर्थिक रूप से पिछड़ रही है. अब प्रदेश सरकार ने आईपीएस अधिकारी शत्रु जीत कपूर को परिवहन विभाग की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. यह बात देखने योग्य होगी कि आने वाले समय में उनके द्वारा विभाग में किस प्रकार से बदलाव किए जाएंगे. इस बात की जानकारी लेने के लिए पंजाब केसरी ने उसे विशेष मुलाकात की.
उनकी बातचीत के कुछ अहम मुद्दे
उनसे पूछा गया कि परिवहन विभाग के रूप में उन्हें नई चुनौती मिली है. इसमें भी बिजली विभाग की तरह आर्थिक संकट है. आप इसके बारे में अपनी तैयारियां बताइए, उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्ट हर व्यक्ति की मौलिक जरूरत है.किसी भी आर्थिक संकट से पहले हमारी प्राथमिकता प्रदेश की ढाई करोड़ जनता को सुविधा देने की है.
हरियाणा रोडवेज की गुणवत्ता पूरे देश में काफी बेहतर है, अभी हमें इसमें और भी काफी सुधार करने है. साथ ही लाइसेंस विभाग रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी में भी काफी बदलाव किए जाने की हमारी सोच है. ड्राइविंग लाइसेंस दलालों की बजाय मेरिट आधार पर दिए जाएंगे. व्हीकल रजिस्ट्रेशन में जो दिक्कतें लोगों को आती है, टेक्नोलोजी के प्रवेश से उन्हें बेहतर और फेसलेस व कैशलेस करने की हमारी प्राथमिकता रहेगी.
बस अड्डे पर बैठने की सफाई को लेकर आपकी क्या राय है
बस अड्डा गरीब आदमियों के लिए हवाई अड्डा जैसा है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि हम हवाई अड्डों के मुकाबले सुविधा ना दे पाए. बैठने की व्यवस्था और सभी सुविधाएं हाई लेवल की होनी चाहिए.और सभी जिले लेवल के बस अड्डे पर हमारी खास नजर है.
कितनी बसें सड़को पर है
हमारी तकरीबन 2500 बसें सड़कों पर चल रही है जिसमे से 2100 किलोमीटर और किलोमीटर स्कीम के तहत लगभग 2500 बसे हैं. जैसे ही कोरोना कम होगा बकाया, बसों को सड़कों पर लाया जाएगा. किलोमीटर स्कीम और समितियों की बसों को मिलाकर तकरीबन 5000 बसें सड़कों पर आ जाएंगे.
उन्होंने बताया कि वोल्वो की सेवा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए 18 mercedes-benz बसें खरीदी गई है.जोकि बेड़े में आ चुकी है. वोलवो हमारा ब्रांड है और उसमें भी सुधार करना हमारी प्राथमिकता रहेगी.
लोकल रूट पर चार पहिया वाहन भी बहुत ज्यादा मिल रहे हैं. यह समस्या वहा ज्यादा है जहां रेगुलर बस सेवा नहीं है. इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है एक तरफ तो वाहनों का विस्तार करना है दूसरी तरफ अवैध वाहनों को रोकना है. कोई भी यात्री ऐसा नहीं होगा कि रोडवेज के रहते इन वाहनों में चलना चाहे.
बाकि के लिए भी लागू जीपीएस सिस्टम
केवल रोडवेज में नहीं बल्कि प्राइवेट व्हीकल टैक्स या दूसरे वाहन उन सबके लिए कानूनो में बदलाव किये जा चुके हैं. कानून द्वारा यह प्रावधान किया गया है. उसमे जीपीएस लगाया जाए साथ ही इमरजेंसी के लिए एक पैनिक बटन दिया जाए.ताकि इमरजेंसी के समय कोई भी यात्री बटन दबाएं. तो उसकी सहायता की जा सके. इस पर कार्य शुरू कर दिया गया है.
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