नई दिल्ली । आरबीआई ने गुरुवार को बैंकों के लिए पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड से अल्पकालिक फसल ऋण योजना के तहत किसानों को प्रदान की गई ब्याज सबवेंशन की राशि का दावा करने के मानदंडों को संशोधित किया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए लंबित दावे 30 जून, 2023 तक जमा किए जा सकते हैं और उन्हें वैधानिक लेखा परीक्षकों द्वारा “सत्य और सही” के रूप में प्रमाणित किया जाना है.
पत्र में कही ये बात
भारतीय रिजर्व बैंक।ने एक सर्कुलर में कहा कि सरकार बैंकों को 7% सालाना की ब्याज दर पर किसानों को 3 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म फसल ऋण देने के लिए 2% ब्याज सबवेंशन प्रदान करती है. उन किसानों को अतिरिक्त 3% ब्याज सबवेंशन प्रदान किया जाता है जो अपना ऋण तुरंत चुकाते हैं. ऐसे किसानों के लिए प्रभावी ब्याज दर 4 प्रतिशत है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 2021-22 के दौरान कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए दिए गए अल्पकालिक ऋण के लिए विभिन्न प्रकार की संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना है. सर्कुलर के अनुसार, बैंकों को सालाना आधार पर अपने दावे प्रस्तुत करने होंगे, जो उनके वैधानिक लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत प्रमाणित होंगे.
पत्र के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान किए गए संवितरण से संबंधित किसी भी शेष दावे को अलग से समेकित किया जा सकता है और ‘अतिरिक्त दावा’ के रूप में चिह्नित किया जा सकता है और 30 जून, 2023 तक नवीनतम प्रमाणित किया जा सकता है.
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