नई दिल्ली । बिजली की समस्या के चलते कई बार किसान समय पर अपनी फसलों की सिंचाई नही कर पाते, जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में किसानों के लिए पीएम कुसुम योजना (Pm Kusum Yojna) बेहद ही फायदेमंद साबित हो रही है. बता दें कि इस योजना के तहत केन्द्र और राज्य सरकार किसानों को सोलर पंपों (Solar System) पर सब्सिडी प्रदान करती है.
सोलर पंप की मदद से किसान जहां समय पर अपनी फसल की सिंचाई कर सकते हैं तो वहीं दूसरी ओर खाली पड़ी अनुपजाऊ जमीन पर सोलर सिस्टम लगाकर हर महीने एक निश्चित आमदनी भी पा सकते हैं. विशेषज्ञों ने बताया कि एक मेगावाट सौर उर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए लगभग 4 से 5 एकड़ जमीन की उपलब्धता होनी चाहिए. इससे एक साल में तकरीबन 15 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है.
बिजली विभाग द्वारा इसे लगभग 3 रुपए 7 पैसे के टैरिफ पर खरीदा जाता है. ऐसे में किसान इस सोलर पैनल सिस्टम से आसानी से सालभर में 45 लाख रुपए की आमदनी कर सकते हैं. इसके अलावा किसान फसल सिंचाई के दौरान खर्च होने वाले डीजल से भी छुटकारा पा सकते हैं.
कुसुम योजना के तहत किसान, किसान पंचायत एवं सहकारी समितियों का समूह सोलर पंप लगाने के लिए आवेदन कर सकता हैं. इस योजना के तहत सरकार द्वारा किसानों को 60% की सब्सिडी मुहैया करवाई जाती है. इसके अलावा लागत राशि का 30% भुगतान भी सरकार द्वारा ही किया जाता है. किसानों को इसके लिए सिर्फ 10% खर्च ही वहन करना पड़ता है.
बता दें कि राज्य सरकारें केन्द्र सरकार के साथ मिलकर इसे अपने-अपने स्तर पर संचालित करती है. ऐसे में किसान अपने राज्य के विद्युत विभाग से सम्पर्क कर इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल कर सकते हैं.
बता दें कि इस योजना के तहत बंजर जमीन पर किसानों के लिए 10,000 मेगावाट विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जाती है, जो बंजर भूमि पर ग्रिड से जुड़े हुए हैं. इस योजना के तहत किसानों को सौर कृषि पंप स्थापित करने के लिए 17.50 लाख रुपए फंड भी जारी किया जाता है.
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