Bhavantar Bharpayee Yojana: चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने प्रदेश में बाजरे की खेती करने वाले किसानों को बड़ी खुशखबरी दी है. किसानों के हित को देखते हुए प्रदेश सरकार ने बाजरे की उपज को “भावांतर भरपाई योजना” में शामिल करने का फैसला लिया है. यह योजना लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को वीडियो संदेश के माध्यम से जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने किसानों के हित को देखते हुए इस खरीफ सीजन से बाजरे को भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने का फैसला लिया है. ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन चुका है. किसान के हितों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. इससे पहले राज्य में 21 बागवानी फसलों के लिए ही भावांतर भरपाई योजना लागू की गई थी.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि बाजरे की खरीद के बारे में अनेक निर्णय लिए हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने बाजरा के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,250 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. पड़ौसी राज्यों राजस्थान और पंजाब ने बाजरा की खरीद के लिये कोई योजना नहीं बनाई है. ऐसे में इन राज्यों से किसान बाजरा बेचने के लिये हरियाणा में ला सकते हैं. इसलिये राज्य सरकार ने केवल उन्ही किसानों को योजना का लाभ देने का फैसला किया है जो कि राज्य की ‘मेरी फसल- मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण करायेंगे.
बाजरे पर मिलेगा 600 रुपये प्रति क्विंटल भावांतर
सीएम ने यह भी आंकड़ा दिया कि खरीफ-सीजन 2021 में बाजरे के लिए 2 लाख 71 हजार किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है. इसमें से लगभग 8 लाख 65 हजार एकड़ भूमि पर बाजरा का सत्यापन हुआ है. मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की फसल के सत्यापन बाद सही पाये गये किसानों को औसतन उपज पर 600 रुपये प्रति क्विंटल भावांतर दिया जाएगा. बाजरे के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. उपज भाव को बनाए रखने के लिए बाजार भाव पर 25 प्रतिशत उपज सरकारी एजेंसी खरीदेगी. बाजरे के औसत बाजार भाव और एमएसपी के अंतर को भावांतर माना जाएगा.
1 अक्टूबर से खरीफ फसलों की खरीद शुरू
हरियाणा राज्य में खरीफ की फसलों बाजरा, मूंग, मक्का और धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होगी. मूंगफली की खरीद 1 नवंबर और अरहर, उड़द और तिल की खरीद 1 दिसंबर से शुरू की जाएगी. प्रदेश में बाजरे की खरीद के लिए 86, मूंग की खरीद के लिए 38, मक्का के लिए 19 तथा मूंगफली की खरीद के लिए 7 खरीद केन्द्र बनाये गये हैं. धान की खरीद के लिए भी 199 खरीद केन्द्र बनाये गये हैं.
वैकल्पिक फसल उगाने वाले किसानों को मिलेगा फायदा
किसानों को बाजरे के स्थान पर तिलहन और दलहन जैसे कि मूंग, अरहर, अरंडी, मूंगफली जैसी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. बाजरे के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की बिजाई करने और कुल बाजरे का उत्पादन कम करने वाले किसानों को ही 4,000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा. अधिक वर्षा के कारण जिन किसानों की फसल को नुकसान हुआ है उन्हें सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा.
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