नई दिल्ली। अटल पेंशन योजना असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए एक सरकारी पेंशन योजना है. इस सरकारी योजना के तहत निवेशकों को रिटायरमेंट के पश्चात 1000 से 5000 रुपये तक की मासिक पेंशन दी जाती है. इंडिया पोस्ट की सभी शाखाओं में अटल पेंशन योजना उपलब्ध है, जो बुनियादी बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करता है. 18 से 40 वर्ष की आयु के लोग ही अटल पेंशन योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं.
एक व्यक्ति रख सकता है एक ही ए पी वाई खाता
अटल पेंशन योजना के अंतर्गत जमा राशि अलग-अलग फैक्टर पर डिपेंड करती है, जैसे निवेशक की आयु और आप कितनी मासिक पेंशन चाहते हैं. इन बातों पर जमा राशि निर्धारित की जाती है. 18 से 40 वर्ष की आयु तक का कोई भी भारतीय कर्मचारी अटल पेंशन योजना के आवेदन कर सकता है. कोई भी व्यक्ति केवल एक ही अटल पेंशन योजना खाता रख सकता है. इसके लिए व्यक्ति का स्वयं का डाकघर या बैंक में बचत खाता होना अनिवार्य है.
योजना में मासिक पेंशन के मिलते हैं पांच विकल्प
अटल पेंशन योजना जैसी निश्चित मासिक पेंशन योजना के अंतर्गत 5 निश्चित मासिक पेंशन के ऑप्शन मिलते हैं. इसमें एक हजार रुपए, दो हजार रुपए, तीन हजार रुपए, 4000 रुपये और 5000 रूपए शामिल है. कर्मचारी को रिटायरमेंट के पश्चात कम से कम 1 हजार और ज्यादा से ज्यादा 5000 रूपए की पेंशन मिलेगी. जमा राशि खाता खुलवाने के दौरान निर्धारित की गई राशि को ग्राहक के खाते से मासिक, त्रैमासिक या अर्धवार्षिक आधार पर काट लिया जाता है.
खाते में किस्त की पर्याप्त राशि होना अनिवार्य
42 रुपये से लेकर 1454 रुपये के बीच यह मासिक राशि होती है. अटल पेंशन योजना खाता खोलने के वक्त पहली किस्त को ग्राहक के बचत खाते से ही काट लिया जाता है. पेमेंट का तरीका सब्सक्राइब के बचत खाते से संबंधित ऑटो डेबिट सुविधा के जरिए राशि काट ली जाती है. इसके लिए सब्सक्राइबर मासिक, त्रैमासिक या फिर अर्धवार्षिक अवधि का विकल्प चुन सकता है. आपको भुगतान की तारीख को याद रखने की कोई आवश्यकता नहीं है. बस आपके खाते में भुगतान के लिए पैसा जमा होना चाहिए.
किस्त जमा करने के लिए नहीं है पैसा तो है यह विकल्प
अकाउंट मेंटेनेंस खाता खोलने के पश्चात आपको आपकी बचत खाते में सिर्फ इतना ही पैसा रखना होता है जितना कि आपको योगदान करना होता है. डेडलाइन से पहले अपने खाते में यह अनिवार्य बैलेंस अवश्य रखें. यदि किसी समय ग्राहक के पास अपने बचत खाते में योगदान के लिए पर्याप्त बैलेंस नहीं होता तो लेट किस्त के साथ बकाया ब्याज की भरपाई करने का भी विकल्प होता है.
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