हिसार। हिसार में कार्गो एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है. हिसार में कार्गो एयरपोर्ट के बनने से हरियाणा के अच्छी नस्ल के पशु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान प्राप्त करेंगे. इसके साथ ही अन्य देशों को पशुधन भेजने में भी सहायता मिलेगी. इससे देश में रोजगार के नए नए अवसर भी विकसित होंगे.
हिसार की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी में वृद्धि
लुवास (लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय) ने इस बारे में हिसार एयरपोर्ट की एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से आने वाले पशुओं को अंतरराष्ट्रीय पहचान, सेना को मिलने वाले सामरिक लाभ, मुर्राह नस्ल की दूसरे देशों में त्वरित पहुंच, नस्ल सुधार से संबंधित प्रयोगशालाओं के सुदृढ़ीकरण, दुग्ध उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय पहुंच आदि के सुनिश्चित होने से संबंधित जानकारी मिलती है.
लुवास के पशु विशेषज्ञ डॉक्टर नीलेश सिंधु ने बताया है कि हिसार जिले की सड़कें व रेल मार्ग के जरिए तो देश के विभिन्न हिस्सों में अच्छी कनेक्टिविटी है लेकिन हिसार में कार्गो एयरपोर्ट के बनने के बाद हिसार की कनेक्टिविटी राष्ट्रीय स्तर की बजाय अंतरराष्ट्रीय स्तर की हो जाएगी.
पशुपालकों को होगा फायदा
इसका सीधा मुनाफा प्रदेश की जनता को, विशेषकर पशुपालकों को होगा. हरियाणा मुख्य रूप से कृषि के साथ-साथ पशुपालन में भी अपनी एक पहचान रखता है और प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता के मामले में भी हरियाणा भारत में दूसरे नंबर पर है. हिसार मे कार्गो एयरपोर्ट के निर्माण से दिल्ली व चंडीगढ़ पर भीड़ का दबाव भी कम होगा.
इसके साथ ही भारतीय सेना के द्वारा संचालित किए जाने वाले अश्व प्रजनन केंद्र से अच्छी नस्ल के घोड़ों को हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर व उत्तर पूर्वी जैसे उच्च ऊंचाई वाले सामरिक महत्व के क्षेत्रों तक बिना किसी समस्या के पहुंचाना सुनिश्चित हो पाएगा.
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