पानीपत । केन्द्र सरकार ने गर्भवती महिलाओं को तोहफा देते हुए एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित इलाज दिया जाएगा. इसमें केन्द्र सरकार की ओर से गर्भवती महिलाओं की गर्भधारण करने से लेकर प्रसव तक होने वाली सभी जांच की जाएगी. मातृ- शिशु मृत्यु दर कम करने के उद्देश्य से मोदी सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) छेड़ा गया है. इस अभियान के तहत अगर किसी गर्भवती महिला को सेवा नहीं मिल रही है तो महिला नोडल अधिकारी से लिखित शिकायत कर सकते हैं.
सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र कादियान ने गर्भवती महिलाओं के नाम संदेश देते हुए कहा कि PMSMA अभियान गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए चलाया गया है. इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की हर महीने की 9 तारीख को सभी प्रकार की जांच की जाती है. स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ सहित अन्य महिला चिकित्सकों द्वारा सुरक्षित प्रसव संपन्न कराने के लिए परामर्श और दवा दी जाती हैं.
स्टाफ नर्स करवाती है गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत
अभियान के तहत एएनएम/स्टाफ नर्स गर्भवती महिला को पंजीकृत करती हैं और उन्हें मातृ एवं बाल संरक्षण कार्ड तथा सुरक्षित मातृत्व की पुस्तिका प्रदान की जाती है. गर्भवती की ऊंचाई और वजन किया जाता हैं और नब्ज व रक्तचाप की जांच होती है. इसके अलावा ब्लड ग्रुप, हिमोग्लोबिन, शुगर, एचआइवी व मलेरिया सहित कई जांच की जाती हैं. गर्भकाल में तीन बार अल्ट्रासाउंड कराया जाता है. अल्ट्रासाउंड, रक्तचाप और शुगर की रिपोर्ट के आधार पर हाई रिस्क प्रेग्नेंसी चिन्हित होती है.
हाई रिक्स प्रेग्नेंसी वाली महिला के कार्ड पर लाल रंग का स्टीकर-टेप चस्पा किया जाता हैं और प्रसूति विशेषज्ञ, एएनएम, आशा वर्कर गर्भवती महिलाओं का विशेष ख्याल रखती हैं. जरूरत पड़ने पर गर्भवती को आयरन फोलिक एसिड और कैल्शियम की टेबलेट खाने को मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती है.
निःशुल्क एंबुलेंस की सुविधा
प्रसव पीड़ा होने पर घर से सरकारी अस्पताल के लिए गर्भवती को एंबुलेंस सेवा निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है. इसके लिए 102, 108 डायल करना होता है. डिलीवरी उपरांत अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर भी सरकारी एंबुलेंस जच्चा-बच्चा को घर छोड़कर आती है.
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