दिल्ली एनसीआर I दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भोपाल में स्थित सीएसआईआर कि प्रयोगशाला में पराली से प्लाई और लकड़ी बनाने कि तकनीक विकसित की है. इसे उद्योग जगत को हस्तांतरित कर दिया गया है. एएमपीआरआई के वैज्ञानिकों ने पराली फ्लाई ऐश और मार्बल के कचरे तथा फाइबर से प्लाई और लकड़ी का निर्माण किया है.
यह कोई मामूली लकड़ी नहीं होगी इसमें आग लगने का खतरा भी नहीं होगा और सबसे बड़ी बात कि लकड़ी के लिए अब पेड़ो का कटना कम हो जायेगा. जिससे पर्यावरण भी बचा रहेगा. लकड़ी बनाने कि इस वैज्ञानिक प्रक्रिया में 60 फीसदी तक कृषि एवं औद्योगिक कचरा मिलाया जाता है और 40 फीसदी फाइबर कचरा.
एएमपीआरआई ने इस तकनीकी को भिलाई कि शुभ ग्रीन शीट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को हस्तांतरित कर दिया है. जल्दी ही कंपनी इसका उद्योग भिलाई में स्थापित करेगा. एएमपीआरआई के निदेशक अवनीश कुमार ने बताया कि यह प्लाई और लकड़ी मौजूदा उत्पादों में बेहतर विकल्प साबित होगी.
इस तकनीकी द्वारा जहाँ एक तरफ पराली जलने पर रोक लग जाएगी तो दूसरी और प्रदूषण का खतरा भी कम हो जायेगा. एनआईटी और कुरुक्षेत्र के निदेशक सतीश कुमार के अनुसार एनआईटी और कुरुक्षेत्र भी पराली से प्लाई और लकड़ी बनाने में शामिल रहा है. इससे हरियाणा और पंजाब में भी पराली जलने पर भी रोक लगेगी |
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